स्कूल की 'ओवरवेट टीचर' से इंप्रेस नहीं हुआ बच्ची का पिता, लिखा हैरान करने वाला फैसला
AajTak
एक शख्स ने टिकटॉक के जरिए लोगों को बताया कि उसने अपनी बेटी को सिर्फ इसलिए स्कूल से निकाल लिया है क्योंकि उसकी टीचर बहुत मोटी है. शख्स के वीडियो पर लोगों ने ढेरों कमेंट किए और उसे कहा कि ऐसे तो बच्चे को कहीं पर भी पढ़ाना मुश्किल है.
आम तौर पर हर कोई अपने बच्चों को ऐसे स्कूल में पढ़ाना चाहता है जहां अच्छी पढ़ाई हो, डिसीप्लिन हो. वहीं अगर मां बाप को ये लगे कि स्कूल में उनके बच्चे की पढ़ाई पर अच्छी तरह ध्यान नहीं दिया जा रहा तो वे स्कूल ही बदल देते हैं या फिर बेहतर ट्यूशन टीचर ढूंढते हैं. लेकिन एक शख्स ने अपनी बेटी को एक स्कूल से ऐसी वजह से निकाल लिया कि हर कोई हैरान रह जाए.
'टीचर लगभग 90 किलो की थी'
बुक राइटर, स्पीकर, रियल एस्टेट गुरु और इंफ्लूएंसर क्रिस क्रोहन ने टिकटॉक पर बताया कि उन्होंने अपनी बेटी का क्यों उसके स्कूल से नाम कटा दिया. उन्होंने बताया कि मैं अपनी बेटी के स्कूल गया था क्योंकि पेरेंट्स टीचर मीटिंग थी. यहां मैंने देख कि उसकी टीचर लगभग 90 किलो की थी. मैं उससे कहा- तुम कितनी लो एनर्जी वाली और डिप्रेस्ड लगती हो. तुम मेरे बच्चे के साथ लगभग पूरा दिन बिताती हो, उसपर कितना खराब प्रभाव पड़ेगा.
'काम पसंद नहीं और नौकरियां लिए बैठे हैं'
उन्होंने कहा- मैं उससे कहा- तुम बच्चों को सिर्फ वो नहीं पढ़ाती जो किताबों में है बल्कि अपने लाइफस्टाइल से भी काफी कुछ सिखाती हो. तुम बिल्कुल भी इंस्पायरिंग इंसान नहीं हो. उन्होंने टिकटॉक वीडियो में आागे बताया- अधिरकतर टीचर अनइंस्पायरिंग होते हैं और उन्हें अपना काम बिलकुल पसंद नहीं होता और सुरक्षित नौकरियां लिए बैठे हैं. आप लोग बताइये- अगर आप अपने बच्चों को पब्लिक स्कूल में पढ़ाते हैं तो टीचर को कैसा होना चाहिए.
'फिर तो तुम्हारा बच्चा दुनिया में जाने कितनी...' क्रिस के पोस्ट पर लोगों ने ढेरों कमेंट किए- किसी ने कहा टीचर के वेट से आपको क्या लेना देना, आपको उसका अपमान करने का हक नहीं है. किसी और ने कहा- ऐसे तो तुम्हारा बच्चा दुनिया में जाने कितनी नेगेटिविटी का सामना करेगा. ये क्या बेकार की बात है. एक यूजर ने कहा- फिर तो तुम्हें कोई परफेक्ट स्कूल या परफेक्ट टीचर कभी नहीं मिलने वाला.
Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति का त्योहार धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है. पुराणों के अनुसार, इस दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनिदेव से मिलने आते हैं, जो मकर राशि के स्वामी हैं. यह त्योहार पिता और पुत्र के बीच एक स्वस्थ रिश्ते का प्रतीक है. मकर संक्रांति भगवान विष्णु की असुरों पर विजय के प्रतीक के रूप में मनाई जाती है. इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी.
BPSC Protest: बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. अभ्यर्थियों ने सत्याग्रह शुरू कर दिया है और मांगें पूरी न होने पर राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है. छात्र संगठनों के समर्थन से यह आंदोलन और भी व्यापक हो गया है. पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने भी परीक्षा रद्द करने की मांग की है.
एक कार्यक्रम में आनंद महिंद्रा ने कहा कि यह बहस गलत दिशा में जा रही है. यह घंटों की गिनती नहीं होनी चाहिए, बल्कि काम के आउटपुट पर होनी चाहिए. चाहे 40 घंटे हो या 90 घंटे, सवाल यह है कि आप क्या आउटपुट दे रहे हैं? अगर आप घर पर परिवार या दोस्तों के साथ समय नहीं बिता रहे, पढ़ नहीं रहे या सोचने का समय नहीं है, तो सही फैसले कैसे लेंगे?
इन्वेस्टर और एंटरप्रेन्योर विनीत ने शादी में लड़की वालों की तरफ से लड़कों की हैसियत जांचने की प्रक्रिया पर अपनी राय रखी है. अपनी पोस्ट में उन्होंने कहा कि कई बार लड़की वालों की तरफ से लड़के से ऐसी उम्मीदें की जाती हैं, जो अव्यवहारिक होती हैं, जैसे हाई सैलरी, घर और कार. एक 28 साल का लड़का, जिसने बस अपना करियर शुरू किया है, वह भला यह सब कैसे करेगा? यह कोई सोचता ही नहीं.