सोना-चांदी ही नहीं... धनतेरस पर खरीदें पोस्ट ऑफिस की ये स्कीम, सिर्फ 100 रुपये से करें शुरुआत
AajTak
पोस्ट ऑफिस की कई स्कीमें काफी पॉपुलर हैं. इनमें से एक है रेकरिंग डिपॉजिट प्लान (Post Office Recurring Deposit). इस स्कीम में आप मात्र 100 रुपये से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं.
धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदना ही नहीं, आप निवेश का पहला कदम भी बढ़ा सकते हैं. अगर आप धनतेरस के मौके पर सुरक्षित निवेश के लिए कोई बढ़िया प्लान ढूंढ रहे हैं, तो आपको पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम पर ध्यान देना चाहिए. पोस्ट ऑफिस (Post Office) अपने ग्राहकों के लिए कई तरह की स्मॉल सेविंग स्कीम्स (Small Saving Schemes) ऑपरेट करता है. इसके पास हर आय वर्ग के लिए कई तरह के प्लान मौजूद हैं.
पोस्ट ऑफिस की स्कीम में बेहतर रिटर्न के साथ निवेशकों की राशि सुरक्षित रखता है. इस वजह बड़ी संख्या में लोग भारतीय डाक की स्कीम्स में निवेश करना पसंद करते हैं. पोस्ट ऑफिस की कई स्कीमें काफी पॉपुलर हैं. इनमें से एक है रेकरिंग डिपॉजिट प्लान (Post Office Recurring Deposit). इस स्कीम में आप मात्र 100 रुपये से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. इसे National Savings Recurring Deposit Account(RD) भी कहते हैं.
कितना मिलता है ब्याज? रेकरिंग डिपॉजिट पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम है. इस स्कीम में आपके किए निवेश की रकम सुरक्षित रहती है. पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम पर फिलहाल सालाना 6.7 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है. यह ब्याज दर एक अक्टूबर 2023 से लागू है. केंद्र सरकार अपनी सेविंग स्कीम की ब्याज दरें हर तिमाही में तय करती हैं.
हर तीन महीने पर मिलता है ब्याज रेकरिंग डिपॉजिट स्कीम में आप अपनी सुविधा के अनुसार एक साल, दो साल या उससे अधिक अवधि के लिए निवेश कर सकते हैं. इसमें निवेश की रकम पर हर तिमाही पर हर तीन महीने पर ब्याज मिलता है. हर तीन महीने के अंत में कंपाउंड इंटरेस्ट के साथ ब्याज की रकम आपके खाते में जमा हो जाती है. कोई भी पोस्ट ऑफिस में जाकर इस स्कीम को खुलवा सकता है. अगर आप इस स्कीम में लंबे समय के लिए निवेश करते हैं, तो आप अपने लिए बड़ी रकम जुटा सकते हैं.
ऐसे जुटा सकते हैं 17 लाख मौजूदा ब्याज दर के हिसाब अगर आप इस स्कीम में हर महीने हर महीने 10,000 रुपये रेकरिंग डिपॉजिट करते हैं, तो 10 साल बाद आपको 17 लाख रुपये अधिक की रकम मिलेगी. गणित के हिसाब से अगर आप हर महीने 10,000 रुपये जमा करते हैं, तो एक साल में आप एक लाख 20 हजार रुपये जमा करेंगे. ऐसे ही आपको 10 साल तक इस स्कीम में निवेश करना होगा. इस तरह आप 12,00,000 रुपये निवेश के रूप में जमा करेंगे. इसके बाद स्कीम के मैच्योर होने के बाद आपको रिटर्न के रूप में 5,08,546 रुपये मिलेंगे. ऐसे आपको 10 साल बाद कुल 17,08,546 रुपये मिलेंगे.
मिल सकता है लोन इस सेविंग स्कीम में 18 साल या उससे अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति अपना अकाउंट खुलवा सकता है. माता-पिता अपने नाबालिग बच्चे का भी खाता खुलवा सकते हैं. इस स्कीम में आपको लोन लेने की सुविधा भी मिलती है. अगर आप इस स्कीम में 12 किस्त जमा कर देते हैं, तो आपको इसके आधार पर बैंकों से लोन मिल सकता है. जमा कुल राशि का 50 फीसदी लोन के रूप में आप इस स्कीम ले सकते हैं.
Redmi A4 5G Price in India: शाओमी ने भारत में अपना नया स्मार्टफोन लॉन्च कर दिया है, जो ब्रांड का सबसे सस्ता 5G फोन है. कंपनी ने Redmi A4 5G को लॉन्च किया है, दो दमदार फीचर्स के साथ 9 हजार रुपये से कम के बजट में आता है. इसमें 50MP के मेन लेंस वाला डुअल रियर कैमरा और 5160mAh की बैटरी दी गई है. आइए जानते हैं इसकी डिटेल्स.
बीते कुछ सालों में, Artificial Intelligence ने कई sectors को revolutionize कर दिया है, और education field पर भी इसका बड़ा असर हुआ है. AI-powered technologies के development के साथ, हमारे सीखने और सिखाने के तरीके में बड़ा transformation हो रहा है. India में, जहां education system vast और diverse है, AI, students के education पाने के तरीके को नया रूप देने में बड़ा रोल निभा सकता है. आइए जानते हैं कि AI teachers भारत में education system को कैसे बदल सकते हैं, और इस बदलाव का students, teachers और पूरे देश पर क्या असर हो सकता है.
यदि आपका बच्चा पढ़ना-लिखना पसंद नहीं करता है तो ज्योतिषी प्रवीण मिश्र के उपाय का पालन कर इसे दूर कर सकते हैं. भगवान कृष्ण को मिसरी और तुलसी दल का भोग लगाकर प्रतिदिन बच्चे को खिलाएं. बच्चे के पढ़ाई के स्थान पर हरे रंग की चीजें ज्यादा रखें. बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करें. घी का दीपक जला कर आरती करें. भगवान गणेश से प्रार्थना करें.
जेेएनयू के टीचर्स एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि इससे पहले भी TISS ने मुंबई में इसी तरह की एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें प्रो. पंडित ने हिस्सा लिया था. हालांकि, पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है और यह आरोप है कि सेमिनार में दी गई प्रस्तुतियों का इस्तेमाल कुछ राजनीतिक संगठनों ने प्रवासन के पैटर्न को 'अवैध' साबित करने के लिए किया.