सेक्स एजुकेशन के लिए ये है बच्चों की सही उम्र, पेरेंट्स फॉलो करें ये टिप्स, नहीं होगी हिचकिचाहट
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पेरेंट्स होने के नाते आपकी ड्यूटी है कि आप अपने बच्चे को हर विषय के बारे में जानकारी दें, फिर चाहे वह सेक्स एजुकेशन ही क्यों ना हो. सेक्स एजुकेशन को लोग अक्सर इग्नोर करते हैं और इसके बारे में बात करने में भी कतराते हैं. जरूरी है कि आप सेक्स एजुकेशन को लेकर बच्चों के साथ खुलकर बातचीत करें.
सेक्स का नाम सुनते ही लोगों के कान खड़े हो जाते हैं. बाहर के देशों में सेक्स शब्द काफी कॉमन है, लेकिन अगर बात भारत की करें तो लोग सेक्स शब्द बोलते समय अपनी टोन धीमी कर देते हैं. भारत में आज भी लोग सेक्स शब्द को और उसके बारे में खुलकर बात करने में झिझकते हैं. वहीं, अगर बच्चों को सेक्स एजुकेशन देने की बात आती है तो भारतीय पेरेंट्स कोसों दूर भागते हैं. ऐसे शायद ही कोई माता-पिता हैं जो सेक्स के बारे में अपने बच्चों से खुलकर बात करते होंगे. सेक्स एजुकेशन देना पेरेंट्स के लिए बहुत जरूरी होता है. आपने अक्सर सुना होगा कि जब भी छोटे बच्चे अपने माता-पिता से सवाल करते हैं कि वह इस दुनिया में कैसे आए, तो माता-पिता उन्हें जवाब में कहते हैं कि उन्हें इस दुनिया में परियां लेकर आईं.
बच्चों के दिमाग में हर चीज को लेकर काफी सवाल होते हैं, अक्सर माता- पिता बच्चों को बाकी सवालों के जवाब तो दे देते हैं लेकिन सेक्स के बारे में कोई जानकारी नहीं देते, जिससे बच्चे इस बारे में जानने के लिए काफी उत्सुक रहते हैं और इसे लेकर ज्यादा से ज्यादा सवाल पूछते हैं.
सेक्सुअल हेल्थ एजुकेशन कॉर्डिनेटर लोरेन ओकोनेल का कहना है कि यंग जनरेशन सेक्स के बारे में बहुत कुछ जानना चाहती है तो इसका मतलब ये नहीं है कि वह ये करना चाहते हैं. वह इस बारे में इसलिए जानना चाहते हैं क्योंकि इस टॉपिक पर काफी छुपाकर बात की जाती है जिस कारण उनके मन में इसके बारे में जानने की उत्सुकता रहती है.
कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि बच्चों को सेक्स से जुड़ी जानकारी देना काफी जरूरी है ताकि वह कम उम्र में सेक्सुअल एक्टिविटीज में शामिल ना हो, युवावस्था में होने वाली प्रग्नेंसी को रोका जा सके और यौन संचारित संक्रमण (STI) का खतरा कम हो सके.
लोरेन ने बताया कि उन्होंने आजकल के समय में यह नोटिस किया है कि यंग जेनरेशन में सेक्स चैट करना और न्यूड्स भेजना काफी आम हो गया है, जिससे कई बार वह किसी बड़े खतरे में पड़ सकते हैं. ऐसे में पेरेंट्स के लिए जरूरी है कि वह अपने बच्चों के सेकेंडरी स्कूल में जाने से पहले ही सेक्स से जुड़ी चीजों पर उनके साथ बात करें. लोरेन ने पेरेंट्स के लिए कुछ टिप्स शेयर किए हैं ताकि वह बिना किसी हिचकिचाहट के बच्चों को सेक्स एजुकेशन दे सकें.
- खुद को सवालों के लिए तैयार रखें, ताकि आप गुस्सा ना करें और उन्हें चुप ना कराएं.
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