सेंटर में PM मोदी और साइड में ट्रूडो... G20 से आईं दो तस्वीरों के बड़े हैं मायने
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अमूमन हर छोटे या बड़े समिट के समापन पर एक फोटो सेशन होता है, जिसमें सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों की ग्रुप फोटो खींची जाती है. लेकिन इस बार ग्रुप फोटो तो ली गई लेकिन इससे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन नदारद थे.
ब्राजील में दो दिनों तक चले G20 समिट के लिए सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष इकट्ठा हुए और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की. लेकिन इस दौरान सदस्य देशों के प्रमुखों की ग्रुप फोटो चर्चा में बनी हुई है. इस बार एक बार नहीं बल्कि दो बार ग्रुप फोटो ली गई लेकिन इसकी वजह क्या थी और इन दोनों तस्वीरों के क्या बड़े मायने रहे.
अमूमन हर छोटे या बड़े समिट के समापन पर एक फोटो सेशन होता है, जिसमें सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों की ग्रुप फोटो खींची जाती है. लेकिन इस बार ग्रुप फोटो तो ली गई लेकिन इससे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन नदारद थे. जब इस ओर ध्यान गया कि बाइडेन इस फोटो में नहीं हैं तो दोबारा ग्रुप फोटो ली गई.
लेकिन हैरानी की बात ये है कि सिर्फ बाइडेन ही नहीं बल्कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी भी इस फोटो से महरूम थीं.
लेकिन दूसरी बार जो फोटो ली गई उसमें सभी सदस्यों देशों के प्रमुख शामिल थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस तस्वीर में पहली लाइन के बिल्कुल केंद्र में नजर आ रहे हैं. उनके एक तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन जबकि दूसरी तरफ ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा हैं जबकि साइड में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो नजर आ रहे हैं.
G20 की एक अन्य तस्वीर भी काफी सशक्त है, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन का हाथ पकड़े हुए हैं और बाइडेन के बगल में ट्रूडो खड़े हैं. वह बाइडेन से बात कर रहे हैं. इस दौरान बाइडेन का हाथ पीएम मोदी के कंधे पर है, जो दोनों नेताओं की दोस्ती को दर्शाता है. इस तरह से इन दोनों तस्वीरों से वैश्विक स्तर पर भारत की धाक और पीएम मोदी के प्रभाव को साफ देखा जा सकता है.
बता दें कि पीएम मोदी ने इससे पहले G20 समिट को संबोधित करते हुए कहा था कि वैश्विक संघर्षों की वजह से भोजन, ईंधन और उर्वरक संकट खड़ा हो गया है, जिससे ग्लोबल साउथ के देश बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
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रूस के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन ने रूस के ब्रांस्क क्षेत्र में अमेरिका निर्मित छह ATACMS मिसाइलें दागीं. रूस का ने यह आरोप तब लगाया है, जब कुछ ही दिनों पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन द्वारा युद्ध में अमेरिका निर्मित हथियारों के उपयोग पर प्रतिबंधों में ढील देने का फैसला किया था.