'ये मेरा ही नहीं 140 करोड़ भारतवासियों का सम्मान...', PM मोदी गुयाना के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित
AajTak
इस सम्मान से सम्मानित होने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि गुयाना के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर मैं मेरे मित्र राष्ट्रपति इरफान अली का ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं. ये सम्मान केवल मेरा ही नहीं बल्कि भारत के 140 करोड़ लोगों का सम्मान है. यह हमारे संबंधों के प्रति आपकी गहरी प्रतिबद्धता का सजीव प्रमाण है जो हमें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय कैरिबियाई देश गुयाना में है. यह उनकी तीन देशों की यात्रा का आखिरी चरण है. इस दौरान गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली ने पीएम मोदी को गुयाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया.
इस सम्मान से सम्मानित होने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि गुयाना के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर मैं मेरे मित्र राष्ट्रपति इरफान अली का ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं. ये सम्मान केवल मेरा ही नहीं बल्कि भारत के 140 करोड़ लोगों का सम्मान है. यह हमारे संबंधों के प्रति आपकी गहरी प्रतिबद्धता का सजीव प्रमाण है जो हमें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा.
उन्होंने कहा कि भारत और गुयाना के संबंध हमारे साझा इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और गहरे आपसी विश्वास पर आधारित है. दोनों देशों के अभूतपूर्व संबंधों को ऊंचाइयों तक ले जाने में राष्ट्रपति इरफान अली का निजी रूप से बहुत बड़ा योगदान रहा है. उनके नेतृत्व में हम हर दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहे हैं. आज की चर्चाओं में भी भारत के लोगों के प्रति उनके स्नेह और आदर को महसूस किया है.
पीएम मोदी ने भारत-कैरिबियाई देशों के समिट में की शिरकत
पीएम मोदी ने काह कि भारत भी गुयाना के साथ हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलकर चलने के लिए तैयार है. दो लोकतांत्रिक देशों के रूप में हमारा सहयोग केवल द्विपक्षीय संबंधों के लिए नहीं बल्कि पूरे ग्लोबल साउथ के लिए महत्वपूर्ण है. अनेक नदियां, झरने और झीलों से समृद्ध गयाना को 'लैंड ऑफ मैनी वॉटर्स' कहा जाता है, जिस प्रकार से गुयाना की नदियां यहां के लोगों की सांस्कृतिक पहचान का अभिन्न अंग रही है. उसी प्रकार भारत की गंगा, यमुना और बह्मपुत्र जैसे महान नदियां हमारी प्राचीन सभ्यता का जन्मस्थल रही है.
उन्होंने कहा कि दोनों देशों में जल को सामाजिक और सांस्कृतिक गौरव का स्थान दिया गया है. भारत और गुयाना की समानताओं के इस तरह के कई उदाहरण हैं जो हमारे ऐतिहासिक और सामाजिक संबंधों को और भी गहरा करते हैं. आज आपके द्वारा दिए गए सम्मान को मैं भारत और गुयाना के इन्हीं ऐतिहासिक संबंधों और अटूट दोस्ती को समर्पित करता हूं.
अमेरिका आखिर चाहता क्या है? बाइडन क्या चाहते हैं? ये दो सवाल इस वक्त पूरी दुनिया के लोगों के जहन में है. इसकी दो वजह हैं. एक तो रूस यूक्रेन जंग, दूसरा ईरान-इजरायल जंग. पहले बात रूस यूक्रेन जंग और अमेरिका के फैसले की कर लेते हैं. अमेरिका में हाल ही में चुनाव हुए जिसके बाद डोनाल्ड ट्रंप जीत गए. अब वो 20 जनवरी को शपथ लेंगे. वहीं जो बाइडन की जो ट्रंप से पहले राष्ट्रपति थे.
रूस के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन ने रूस के ब्रांस्क क्षेत्र में अमेरिका निर्मित छह ATACMS मिसाइलें दागीं. रूस का ने यह आरोप तब लगाया है, जब कुछ ही दिनों पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन द्वारा युद्ध में अमेरिका निर्मित हथियारों के उपयोग पर प्रतिबंधों में ढील देने का फैसला किया था.