सऊदी अरब की वॉर्निंग, अब पाकिस्तान को अपने हजारों भिखारियों को लेकर लेना पड़ा एक्शन
AajTak
सऊदी अरब समेत खाड़ी के कई देश पाकिस्तान से उसके भिखारियों को लेकर शिकायत करते रहे हैं. पाकिस्तान के लोग धार्मिक यात्रा के बहाने सऊदी जैसे देश जाकर वहां भीख मांगने का काम करते हैं. इसे लेकर सऊदी अरब की शिकायतों पर पाकिस्तान ने एक बड़ा कदम उठाया है.
पाकिस्तानी भिखारी खाड़ी देश सऊदी अरब में भीख मांगकर वैश्विक स्तर पर अपने देश की फजीहत कराते रहे हैं. इसे लेकर सऊदी अरब की सरकार ने बार-बार पाकिस्तान से शिकायत की है और चेतावनी भी दी है. अब पाकिस्तान ने भिखारियों को लेकर उठाए गए अपने कदम के बारे में सऊदी अरब को जानकारी दी है. बुधवार को पाकिस्तान ने कहा कि भिखारियों को सऊदी भेजने वाले माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है.
पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन रजा नकवी ने बुधवार को सऊदी अरब के डिप्टी गृह मंत्री डॉ. नासिर बिन अब्दुलाजीज अल दाऊद से मुलाकात की और भिखारियों पर पाकिस्तानी सरकार की कार्रवाई की जानकारी दी.
पाकिस्तानी गृह मंत्री ने सऊदी मंत्री को बताया कि करीब 4,300 भिखारियों ने नेम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ECL) में डाल दिए गए हैं यानी ये भिखारी देश छोड़कर कहीं और नहीं जा सकते. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सऊदी अरब जाने वाले भिखारियों को लेकर 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपना रहा है.
पाकिस्तानी मंत्री नकवी ने कहा कि पाकिस्तान में 'भिखारी माफिया' पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है.
भिखारियों को लेकर लंबे समय से खाड़ी देशों के निशाने पर रहा है पाकिस्तान
सितंबर 2023 में अधिकारियों ने कहा था कि पाकिस्तानी भिखारी 'जियारत' (तीर्थयात्रा) के बहाने इराक और सऊदी अरब जैसे देशों की यात्रा करते हैं और फिर भीख मांगने के काम में लग जाते हैं.
अमेरिका आखिर चाहता क्या है? बाइडन क्या चाहते हैं? ये दो सवाल इस वक्त पूरी दुनिया के लोगों के जहन में है. इसकी दो वजह हैं. एक तो रूस यूक्रेन जंग, दूसरा ईरान-इजरायल जंग. पहले बात रूस यूक्रेन जंग और अमेरिका के फैसले की कर लेते हैं. अमेरिका में हाल ही में चुनाव हुए जिसके बाद डोनाल्ड ट्रंप जीत गए. अब वो 20 जनवरी को शपथ लेंगे. वहीं जो बाइडन की जो ट्रंप से पहले राष्ट्रपति थे.
रूस के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन ने रूस के ब्रांस्क क्षेत्र में अमेरिका निर्मित छह ATACMS मिसाइलें दागीं. रूस का ने यह आरोप तब लगाया है, जब कुछ ही दिनों पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन द्वारा युद्ध में अमेरिका निर्मित हथियारों के उपयोग पर प्रतिबंधों में ढील देने का फैसला किया था.