![साजिश, सुराग और जांच का कंफ्यूजन... 14 घंटे में बदल गए सलमान खान के घर फायरिंग करने वालों के चेहरे](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202404/661f8af97828d-salman-khan-17402457-16x9.jpg)
साजिश, सुराग और जांच का कंफ्यूजन... 14 घंटे में बदल गए सलमान खान के घर फायरिंग करने वालों के चेहरे
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सलमान खान के घर पर हुए शूटआउट के ठीक चालीस घंटे बाद मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच यूनिट नाइन ने भुज पुलिस की मदद से आखिरकार दोनों हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया. पर इनकी गिरफ्तारी की पूरी कहानी से पहले एक सवाल सामने है.
Galaxy Apartment Shootout: सुपर स्टार सलमान खान के घर गैलेक्सी अपार्टमेंट में पांच गोलियां दागने की असली वजह सामने आ गई है. और इसके साथ ही उन दोनों हमलावरों की हकीकत भी सामने आ गई, जिन्होंने इस शूटआउट को अंजाम दिया था. दोनों हमलावर वैसे तो बिहार से हैं, लेकिन इनमें से एक का कनेक्शन हरियाणा से भी है.
दोनों ने सलमान खान के घर पर हमला करने से पहले उन्होंने बड़े ही खामोश तरीके से रेकी और तैयारी की थी और इन दोनों का ताल्लुक लॉरेंस बिश्नोई गैंग से है. सबसे बड़ी हैरानी की बात ये है कि इस मामले में पहले गुरुग्राम के एक गैंगस्टर का नाम आया था. जिसे लेकर अब सवाल भी उठ रहे हैं. तो आइए जानते हैं, इस पूरे हमले की साजिश का सच.
सुबह के पांच बजे, पांच राउंड फायरिंग विक्की गुप्ता. उम्र 24 साल और सागर पाल. उम्र 23 साल. पुलिस हिरासत में दोनों के चेहरे साफ-साफ पहचाने जा सकते हैं. लेकिन इनका असली रूप कुछ और है. गैलेक्सी पर हुए हमले की सीसीटीवी फुटेज में इनका असली रूप दिखता है. एक बाइक पर दोनों बैठे दिखाई देते हैं. विक्की गुप्ता और सागर पाल. बाइक पर आगे विक्की गुप्ता है और पीछे सागर पाल. सागर पाल के हाथ में हथियार है. और वो उसी हथियार से गैलेक्सी अपार्टमेंट का निशाना लेकर कुल पांच गोलियां चलाता है. तीन जमीन पर गिरती हैं. एक गैलेक्सी की दीवार पर और एक गैलेक्सी की बालकॉनी के पर्दे को चीरती हुई सलमान खान के ड्राइंग रूम की दीवार पर जा लगती है.
पहले उछाला गया गैंगस्टर विशाल उर्फ कालू का नाम सलमान खान के घर पर हुए शूटआउट के ठीक चालीस घंटे बाद मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच यूनिट नाइन ने भुज पुलिस की मदद से आखिरकार दोनों हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया. पर इनकी गिरफ्तारी की पूरी कहानी से पहले एक सवाल सामने है. सलमान के घर रविवार की सुबह करीब पांच बजे हुए शूटआउट के कुछ घंटे बाद ही मुंबई और दिल्ली पुलिस के सूत्रों की तरफ से ये दावा किया गया था कि दोनों हमलावरों में से एक की शिनाख्त हो गई है. उसका नाम विशाल उर्फ कालू बताया गया. दावा किया गया कि विशाल रोहित गोदारा गैंग का गुर्गा है, गुरुग्राम में रहता है. और इस हमले के पीछे उसी का हाथ है.
दो राज्यों की पुलिस के बीच आपसी होड़ या मिसकम्यूनिकेशन? पुलिस सूत्रों के इस दावे के बाद हर चैनल पर विशाल का नाम और उसकी खबर भी चल गई. इतना ही नहीं कुछ मीडिया वाले गुरुग्राम में विशाल के घर भी पहुंच गए. विशाल की बहन से कैमरे पर बात भी कर ली. लेकिन अब खुद मुंबई पुलिस ने सलमान के घर पर हमला करने वाले जिन शूटरों का नाम लिया है, उनमें विशाल का नाम नहीं है. तो सवाल ये कि सिर्फ सीसीटीवी कैमरे की तस्वीर देख कर और असली हमलावरों की सच्चाई जाने बगैर विशाल का नाम कहां से उछाल दिया गया? क्या ये दो राज्यों की पुलिस के बीच की आपसी होड़ का नतीजा था? या फिर मिसकम्यूनिकेशन का?
बांद्रा रेलवे स्टेशन से मिला पहला सुराग अब गैलेक्सी के असली हमलावर यानी विक्की और सागर की गिरफ्तारी की कहानी पर आते हैं. जानते हैं कि आखिर पुलिस को इन दोनों का सुराग पहली बार कैसे और कहां मिला? असल में इन दोनों के बारे में पहला सुराग बांद्रा रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 से मिला. गैलेक्सी पर गोली चलाने के बाद दोनों बाइक पर से पहले माउंट मेरी पहुंचे थे. वहां इन्होंने अपनी बाइक पार्क की और फिर एक ऑटो बांद्रा रेलवे स्टेशन पहुंचे. बाइक पार्क करने के साथ ही दोनों ने अपने हेलमेट भी उतार दिए थे. अब वो आगे जिस कैमरे में भी रिकॉर्ड होते उनका चेहरा साफ दिखता. पर सिर्फ चेहरे से पुलिस उनका कब तक और कहां तक पीछा करती?
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