New Tax Bill: आज पेश होगा नया टैक्स बिल... 10 पॉइंट में आसानी से समझें इसमें आम आदमी के लिए क्या-क्या बदला?
AajTak
New Tax Bill 2025: आज लोकसभा में न्यू टैक्स बिल पेश किया जाएगा. इसे बीते सप्ताह ही पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिली थी और संसद में पेश किए जाने के बाद इसे स्टैंडिंग कमिटी के पास विस्तृत चर्चा के लिए भेजा जाएगा.
संसद का बजट सत्र चल रहा है और आज लोकसभा में सरकार नया इनकम टैक्स बिल (New Income Tax Bill 2025) पेश करने वाली है, जो कि इनकम टैक्स एक्ट 1961 की जगह लेगा. 63 साल बाद बदले जा रहे इस बिल में कई बदलाव किए गए हैं, जिसकी जानकारी इसके पेश होने से पहले बुधवार को सामने आई ड्राफ्ट कॉपी में सामने आ गई है.
इनकम टैक्स एक्ट 2025 पहले से सरल, पारदर्शी और टैक्सपेयर के अनुकूल बनाने का दावा किया गया है. इसमें टैक्स सिस्टम को आसान बनाने के लिए डिजिटलीकरण, टैक्स पेमेंट में सुधार से लेकर टैक्स चोरी को लेकर नियम और कड़े करने का प्रस्ताव किया गया है. आइए जानते हैं इस Income Tax Bill 2025 की 10 बड़ी बातें, 10 पॉइंट में...
1- बिल में पेजों की संख्या हुई इतनी कम नए इनकम टैक्स बिल में पहला और बड़ा बदलाव ये किया गया है कि इसे आम लोगों के समझने के लिए पहले की तुलना में ज्यादा आसान शब्दों के साथ कुछ संक्षिप्त बनाया गया है. जैसे कि 1961 इनकम टैक्स बिल में 880 पेज थे, लेकिन छह दशक के बाद अब इसमें शामिल पृष्ठों की संख्या को घटाकर 622 किया गया है. न्यू टैक्स बिल में 536 धाराएं और 23 चैप्टर हैं.
2- 'Tax Year' का कॉन्सेप्ट आज पेश होने जा रहे नए बिल में टैक्स ईयर (Tax Year) का कॉन्सेप्ट लाया गया है. जो अब तक इस्तेमाल किए जाने वाले असेसमेंट ईयर और प्रीवियस ईयर को रिप्लेस करेगा. आमतौर पर देखने को मिलता रहा है टैक्स भरने के दौरान टैक्सपेयर्स असेसमेंट और फाइनेंशियल ईयर को लेकर कन्फ्यूज होते थे, लेकिन अब इन्हें खत्म करते हुए सिर्फ टैक्स ईयर का इस्तेमाल होगा. उदाहरण के लिए 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2026 तक के लिए टैक्स ईयर 2025-26 होगा. मतलब फाइनेंशियल ईयर के पूरे 12 महीने को अब टैक्स ईयर कहा जाएगा.
3- स्टैंडर्ड डिडक्शन जस का तस न्यू टैक्स बिल के तहत अगर आप एक सैलरीड हैं तो आपको पुराने टैक्स रिजीम के तहत 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता रहेगा, लेकिन अगर आप न्यू टैक्स रिजीम को चुनते हैं, तो फिर ये डिडक्शन आपके लिए 75,000 रुपये तक मिलेगा. इसके साथ ही न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स स्लैब में कोई चेंज नहीं होगा और बजट में घोषित की गई दरें ही यथावत रहेंगी.
4 लाख रुपये तक की इनकम कोई टैक्स नहीं 4 लाख 1 रुपये से 8 लाख रुपये तक 5 फीसदी टैक्स 8 लाख 1 रुपये से 12 लाख रुपये तक 10 फीसदी टैक्स 12 लाख 1 रुपये से 16 लाख रुपये तक 15 फीसदी टैक्स 16 लाख 1 रुपये से 20 लाख रुपये तक 20 फीसदी टैक्स
दशकों की गुलामी से आजाद हुआ भारत अपने पैरों पर खड़ा होने की कोशिश कर रहा था. ऐसी स्थिति में भारत की उम्मीद भरी नजरें अमेरिका की तरफ थी. 1949 में प्रधानमंत्री नेहरू पहली बार अमेरिका के दौरे पर गए. भारत को आस थी कि दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क उनकी मदद करेगा लेकिन अमेरिका की ट्रूमैन सरकार को इसमें कोई खास दिलचस्पी नहीं थी.
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री का बेटा अपने दोस्तों के साथ चार्टर्ड फ्लाइट (chartered flight) से बैंकॉक (Bangkok) जा रहा था, लेकिन इस बारे में परिजनों को नहीं बताया था. इसके बाद पूर्व मंत्री ने फ्लाइट को आधे रास्ते से ही पुणे वापस बुलवा लिया. इस पूरे मामले में न केवल पुलिस बल्कि एविएशन अथॉरिटी तक को शामिल होना पड़ा.
मणिपुर सहित पूरे उत्तर-पूर्व में जातीय संघर्ष बेहद जटिल और गहराई से जड़ें जमाए हुए हैं. न तो बिरेन सिंह का इस्तीफा, न कोई नया मुख्यमंत्री और न ही केंद्र का सीधा हस्तक्षेप इस समस्या का कोई आसान समाधान निकाल सकता है. जब तक राज्य के हर जातीय, धार्मिक और भाषाई समुदाय की अपनी अलग पहचान को बनाए रखने की मानसिकता कायम रहेगी तब स्थाई शांति की बीत बेमानी ही होगी.
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आपकी सलाह हम मानते हैं. यही तरीका उधर वाले भी मान गए तो हम समझते हैं कि नड्डा साहब अपने सदस्यों को बड़ा कंट्रोल में रखा है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वक्फ बिल पर हमारे अनेक सदस्यों ने डिसेंट नोट्स दिए हैं. उनको प्रॉसीडिंग से निकालना अलोकतांत्रिक है. VIDEO