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6 कत्ल, फांसी और अब 12 साल बाद रिहाई... आगरा में हुए सामूहिक हत्याकांड की खौफनाक कहानी
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उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के अछनेरा के तुरकिया गांव में हुए सामूहिक हत्याकांड में फांसी की सजा पाए गंभीर सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया. इसके बाद वो बुधवार की सुबह आगरा के सेंट्रल जेल से रिहा हो गए. उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि उनको भगवान पर भरोसा था.
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के अछनेरा के तुरकिया गांव में हुए सामूहिक हत्याकांड में फांसी की सजा पाए गंभीर सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया. इसके बाद वो बुधवार की सुबह आगरा के सेंट्रल जेल से रिहा हो गए. उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि उनको भगवान पर भरोसा था. इसके साथ ही उन्होंने अपनी जान को खतरा बताते हुए अपने लिए सुरक्षा की मांग भी की है. आइए देश को झकझोरने वाले इस हत्याकांड की पूरी कहानी जानते हैं.
ये अदालत अपने बड़े भाई सत्यभान, भाभी पुष्पा और उनके चार बच्चों आरती, महरा, गुड़िया और कन्हैया समेत कुल छह क़त्ल के मुल्ज़िम गंभीर सिंह को मुजरिम क़रार देते हुए मौत की सज़ा सुनाती है.
20 मार्च 2017, डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस कोर्ट, आगरा
22 महीने बाद... ये अदालत निचली अदालत के फ़ैसले को बरक़रार रखते हुए अपने बड़े भाई सत्यभान, भाभी पुष्पा और उनके चार बच्चों आरती, महरा, गुड़िया और कन्हैया समेत कुल छह क़त्ल के मुजरिम गंभीर सिंह को फांसी की सज़ा सुनाती है.
9 जनवरी 1019, इलाहाबाद हाई कोर्ट, प्रयागराज
6 साल बाद... ये अदालत गंभीर सिंह को फ़ौरन रिहा करने का हुक्म सुनाती है. क्योंकि उनके खि़लाफ ऐसा एक भी सबूत अदालत के सामने पेश नहीं किया जा सका, जिससे उसे छह क़त्ल का दोषी ठहराया जाए.
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