सरकार ने कर दिया आसान, अब बिना इजाजत छत पर लगवाएं मोबाइल टावर... ये है प्रोसेस
AajTak
टेलीकॉम कंपनियों को प्राइवेट प्रॉपर्टी पर किसी भी तरह के ढांचे के निर्माण से पहले प्राधिकरण को बिल्डिंग और उसकी संरचना के बारे में डिटेल देना होगा. केंद्रीय आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने जल्द 5G सर्विस शुरू होने के संकेत दिए हैं.
टेलीकॉम कंपनियों (Telecom companies) को अब किसी भी प्राइवेट प्रॉपर्टी पर मोबाइल टावर (Mobile Tower) लगाने के लिए संबंधित अथॉरिटी से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सरकार ने इस मामले में हाल ही में 'मार्ग के अधिकार' (New Right of Way Rules) के नियम को नोटिफाई किया है. सरकार ने खास तौर पर 5G सर्विस के इंप्लीमेंटेशन को आसान बनाने के लिए ये कदम उठाया है. सरकार ने छोटे मोबाइल रेडियो एंटीना या बिजली के खंभे लगाने और फुट ओवरब्रिज आदि का इस्तेमाल करने के लिए शुल्क के साथ नियमों की सूचना जारी की है.
देनी होगी लिखित में जानकारी
17 अगस्त के एक नोटिफिकेशन में कहा गया था- 'जिस कंपनी के पास लाइसेंस है और वो किसी प्राइवेट संपत्ति के ऊपर टेलीग्राफ इंफ्रास्ट्रक्चर के बुनियादी ढांचे का निर्माण करती है, तो इसके लिए उसे उपयुक्त प्राधिकरण से किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी'. हालांकि, टेलीकॉम कंपनियों को टेलीग्राफ इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के बारे में लिखित में जानकारी प्रधाकिरण को देनी होगी.
सुरक्षित होनी चाहिए बिल्डिंग
टेलीकॉम कंपनियों को प्राइवेट प्रॉपर्टी पर किसी भी तरह के ढांचे के निर्माण से पहले प्राधिकरण को बिल्डिंग और उसकी संरचना के बारे में डिटेल देना होगा. इसके अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर इंजीनियर द्वारा वेरिफाई एक कॉपी भी जमा करनी होगी. कॉपी में इस बात की पुष्टि होगी कि बिल्डिंग या संपत्ति मोबाइल टावर या खंभा लगाने के के लिए संरचनात्मक रूप से सुरक्षित है.
स्ट्रीट फर्नीचर को लेकर नियम
Redmi A4 5G Price in India: शाओमी ने भारत में अपना नया स्मार्टफोन लॉन्च कर दिया है, जो ब्रांड का सबसे सस्ता 5G फोन है. कंपनी ने Redmi A4 5G को लॉन्च किया है, दो दमदार फीचर्स के साथ 9 हजार रुपये से कम के बजट में आता है. इसमें 50MP के मेन लेंस वाला डुअल रियर कैमरा और 5160mAh की बैटरी दी गई है. आइए जानते हैं इसकी डिटेल्स.
बीते कुछ सालों में, Artificial Intelligence ने कई sectors को revolutionize कर दिया है, और education field पर भी इसका बड़ा असर हुआ है. AI-powered technologies के development के साथ, हमारे सीखने और सिखाने के तरीके में बड़ा transformation हो रहा है. India में, जहां education system vast और diverse है, AI, students के education पाने के तरीके को नया रूप देने में बड़ा रोल निभा सकता है. आइए जानते हैं कि AI teachers भारत में education system को कैसे बदल सकते हैं, और इस बदलाव का students, teachers और पूरे देश पर क्या असर हो सकता है.
यदि आपका बच्चा पढ़ना-लिखना पसंद नहीं करता है तो ज्योतिषी प्रवीण मिश्र के उपाय का पालन कर इसे दूर कर सकते हैं. भगवान कृष्ण को मिसरी और तुलसी दल का भोग लगाकर प्रतिदिन बच्चे को खिलाएं. बच्चे के पढ़ाई के स्थान पर हरे रंग की चीजें ज्यादा रखें. बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करें. घी का दीपक जला कर आरती करें. भगवान गणेश से प्रार्थना करें.
जेेएनयू के टीचर्स एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि इससे पहले भी TISS ने मुंबई में इसी तरह की एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें प्रो. पंडित ने हिस्सा लिया था. हालांकि, पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है और यह आरोप है कि सेमिनार में दी गई प्रस्तुतियों का इस्तेमाल कुछ राजनीतिक संगठनों ने प्रवासन के पैटर्न को 'अवैध' साबित करने के लिए किया.