शेयर बाजार में कोहराम, सालभर में GST से सरकार को जितनी कमाई, 6 दिन में ही स्वाहा, जानिए क्या है कारण
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Share Market Crash : 17 अक्टूबर 2023 के बाद से अब तक सेंसेक्स 3,000 अंक से ज्यादा टूट चुका है. बता दें छह दिन पहले Sensex 66,428 के लेवल पर कारोबार करता हुआ नजर आ रहा था, लेकिन अब ये 63,148 के स्तर पर पहुंच गया है.
दुनिया में एक ओर जहां इजरायल और हमास के बीच जारी जंग (Israel-Hamas War) चर्चा का विषय बनी हुई है, तो वहीं इसके असर से शेयर बाजारों में आए भूचाल (Share Market Crash ) ने भी निवेशकों के पसीने छुटा दिए हैं. अमेरिका से लेकर भारत तक के स्टॉक मार्केट में गिरावट का दौर जारी है. भारतीय शेयर बाजार की बात करें तो ये गुरुवार को लगातार छठे दिन बुरी तरह टूटकर बंद हुआ.
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स (Sensex) 900 अंक फिसलकर, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी (Nifty) 264 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ. बीते छह दिनों में आई Stock Market में आई सुनामी में निवेशकों के 20 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए हैं. खास बात ये है कि ये आंकड़ा सरकार के वित्त वर्ष 2022-23 में हुए डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन से भी ज्यादा है.
900 अंक टूटकर बंद हुई सेंसेक्स गुरुवार को शेयर बाजार (Share Market) की शुरुआत बेहद खराब रही और BSE Sensex कुछ ही देर के कारोबार में 500 अंक से ज्यादा टूट गया था और इसके बाद इसमें गिरावट और भी तेज होती गई. कारोबार के अंत में सेंसेक्स 900.91 अंक टूटकर 63,148.15 के लेवल पर क्लोज हुआ. वहीं दूसरी ओर NSE Nifty 264.90 अंक या 1.39 फीसदी फिसलकर 18,857.25 अंक पर बंद हुआ. जबरदस्त बिकवाली के चलते बाजार इन छह दिनों में उबर नहीं पाया है.
सेंसेक्स में आ चुकी है 3280 अंकों की गिरावट 17 अक्टूबर 2023 के बाद से अब तक सेंसेक्स 3,000 अंक से ज्यादा टूट चुका है. बता दें छह दिन पहले Sensex 66,428 के लेवल पर कारोबार करता हुआ नजर आ रहा था, लेकिन अब ये 63,148 के स्तर पर पहुंच गया है. इस हिसाब से देखें तो इस अवधि में 3,280 अंकों की गिरावट आ चुकी है. शेयर बाजार में आई इस गिरावट के बीच निवेशकों की संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचा है. बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन में इन दिनों में 20 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है.
छह दिनों में ऐसे डूबी निवेशकों की संपत्ति वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार का कुल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 18.10 लाख करोड़ रुपये रहा था. वहीं बीते छह दिनों में BSE MCap पर नजर डालें तो ये आंकड़ा भी पीछे छूट गया है. 17 अक्टूबर को ये 3.29 लाख करोड़ रुपये था, जो अगले कारोबारी दिन 18 अक्टूबर को घटकर 3.26 लाख करोड़ रुपये पर आ गया था. वहीं इसके अगले दिन 19 अक्टूबर को ये 3.26 लाख करोड़ रुपये रह गया था. 20 अक्टूबर को इसमें और गिरावट आई थी और ये कम होकर 3.24 लाख करोड़ हो गया. वहीं 23 अक्टूबर को 3.16 लाख करोड़, 25 अक्टूबर को 3.09 लाख करोड़ रुपये और 26 अक्टूबर को बाजार बंद होने पर ये 3.06 लाख करोड़ रुपये रह गया.
टैक्स कलेक्शन से 2 लाख करोड़ ज्यादा गंवाए बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के 30 शेयरों वाले इंडेक्स सेंसेक्स पर लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में आई इस गिरावट को वित्त वर्ष 2022-23 में हुए कुल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन से जोड़कर देखें तो जहां महज छह दिनों के भीतर ही शेयर बाजार निवेशकों ने कुल टैक्स कलेक्शन से करीब 2 लाख करोड़ रुपये ज्यादा की संपत्ति गंवा दी है. बाजार में आई इस सुनामी के पीछे इजरायल-हमास जंग से बने भू-राजनीतिक हालात, इससे कच्चे तेल की कीमतों पर प्रभाव और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के साथ ही अमेरिकी फेड रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में और बढ़ोतरी की आशंका का भी बड़ा हाथ रहा है.