
'रिस्क लेने की मेरी क्षमता का पूर्ण इस्तेमाल नहीं हुआ, मेरी कैपेसिटी अनेक गुना ज्यादा', जेरोधा के फाउंडर संग डेब्यू पॉडकास्ट में बोले PM मोदी
AajTak
जेरोधा के फाउंडर निखिल कामथ के साथ पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने कहा कि वे शायद कंफर्ट के लिए अनफिट हैं, जब पीएम से पूछा गया कि उन्हें ऐसा क्यों लगता है तो उन्होंने कहा,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेयर ट्रेडिंग एप जेरोधा के फाउंडर निखिल कामथ के साथ पॉडकास्ट की दुनिया में एंट्री ली है. इस पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने अपने जीवन के कई पहलुओं पर विस्तार से बात की है. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि उनकी जो रिस्क लेने की क्षमता है उसका अभी पूर्णरूप से इस्तेमाल हुआ ही नहीं है. बहुत कम हुआ है. उनकी रिस्क लेने की क्षमता अनेक गुना ज्यादा है. पीएम मोदी ने इसकी वजह भी बताई.
अपने जीवन के बचपन के पन्नों को उलटते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने जीवन में बहुत झटके देखे हैं. पीएम मोदी ने कहा, "मैं छोटा था, शायद प्राइमरी स्कूल में पढ़ता था मुझे ठीक से याद नहीं है, मेरे राज्य में कोई सैनिक स्कूल शुरू हुआ था, मुझे अखबार पढ़ने की आदत थी. मैं विज्ञापन भी पढ़ डालता था. मेरे गांव में पुस्तकालय था, मैं वहां चला जाता था, मैंने इस सैनिक स्कूल के बारे में पढ़ा. मैंने एक या डेढ़ रुपये के पार्सल में उसके बारे में सब कुछ मंगवाया. मेरे यहां रासबिहारी मनियार के नाम से एक प्रिंसिपल थे, मेरे घर से 300-400 मीटर दूर रहते थे, एक दिन मैं पार्सल लेकर उनके घर पहुंच गया और कहा कि मुझे ये समझ में नहीं आता है, कृपया इसके बारे में बताइए."
पीएम मोदी ने उस प्रिंसिपल के बारे में बताते हुए कहा कि वे बहुत दयालु तो. उन्होंने मुझसे कहा कि तुम चिंता मत करो बेटा और तुम्हारी चिंता करूंगा. उन्होंने देखा और कहा कि ये एक सैनिक स्कूल है, इसके लिए परीक्षा होती है, इंटरव्यू होता है. पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने ये सारी बात अपने पिता जी को बताई. आगे पीएम ने कहा, "पिता जी ने कहा मेरे पास पैसे नहीं है, कहीं जाना-वाना नहीं है अपने गांव में ही रहो. मेरे गांव में सैनिक स्कूल को लेकर एक बात थी, बड़ी चीज होती है, देश के लिए काम करते हैं, तो ये मेरे मन में हमेशा रहा और ये मेरे लिए सेटबैक की तरह रहा. मुझे लगा कि मैं ये भी नहीं कर सकता हूं."
'मन में थी साधु का जीवन जीने की इच्छा'
पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें याद है कि उनके मन में साधु का जीवन जीने की इच्छा थी. मैं नहीं कर पाया. पहला प्रयास था रामकृष्ण मिशन से अपने आप को जोडूं, स्वामी आत्मास्थानंद जी ने जिनका अभी स्वर्गवास हुआ है उन्होंने मेरे लिए बहुत कुछ कहा है, मैं उनके पास रहा, लेकिन राम कृष्ण मिशन के कुछ नियम थे मैं उसमें बैठता नहीं था, मैं वहां फिट नहीं हुआ, मुझे मना कर दिया गया लेकिन मैं निराश नहीं हुआ. मेरा सपना अधूरा रह गया. ये भी झटका ही था मेरे जीवन में.
निखिल कामथ के साथ पीएम मोदी ने कहा कि वे ऐसे ही भटकते रहे संतों महंतों को ढूंढ़ते रहे. मैं कह सकता हूं कि वहां भी सफलता नहीं मिली. फिर लौट कर आ गया. शायद नियति ने कुछ और सोचा होगा. जीवन में सेटबैक तो आते ही हैं.

Meerut News: मुस्कान और साहिल के बीच रिश्ता अचानक नहीं बना था. यह पुरानी मोहब्बत थी. साहिल और मुस्कान बचपन से एक-दूसरे को जानते थे. दोनों ने कक्षा आठ तक साथ पढ़ाई की थी. बाद में स्कूल के पुराने दोस्तों ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया. इसमें मुस्कान और साहिल भी जुड़े और यहीं से उनकी बातचीत फिर से शुरू हुई. दोस्ती इतनी गहरी हो गई कि मुस्कान ने अपने पति को ही रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली.

नागपुर में सोमवार को हुई हिंसा के बाद 10 थाना क्षेत्रों में लगातार तीसरे दिन कर्फ्यू जारी है. मुख्य आरोपी और स्थानीय नेता फहीम खान की आज कोर्ट में पेशी होगी. पुलिस सीसीटीवी फुटेज की जांच कर अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है. प्रशासन घर-घर जाकर नुकसान का सर्वे कर रहा है. माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. देखें...

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू यादव परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में ED ने लालू यादव से पूछताछ की. इससे पहले राबड़ी देवी से भी सवाल किए गए थे. लालू से पूछा गया कि उनके रेल मंत्री रहते हुए नौकरी पाने वालों ने अपनी जमीन राबड़ी देवी या उनके परिवार के सदस्यों को क्यों बेची.

मेरठ में हुए सौरभ हत्याकांड का सबसे भयानक पहलू है साहिल का घर. जिसकी दीवारें साधारण नहीं है. जो एक सनकी, तंत्र-मंत्र में डूबे खतरनाक इंसान के मनोविज्ञान को दर्शा रही है. पुलिस जब इस मकान में दाखिल हुई, तो उन्हें वहां ऐसी दीवारें दिखीं जो किसी अंधेरे रहस्य को समेटे हुए थीं. पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश में है कि क्या यह सिर्फ एक प्रेमी की सनक थी, या फिर इसके पीछे कुछ और गहरे, डरावने रहस्य छिपे है.

इस्लाम में कब्र को लेकर सबसे जरूरी बात कही गई है, वह है कब्र का खुला या कच्चा होना. इस्लाम में खुली हुई कब्र ही सही बताई गई है. ऐसी कब्र जिसमें बारिश की नमी और गीलापन हो. ऐसी कब्र विनम्रता और सादगी की मिसाल मानी जाती हैं. खुली कब्र का मतलब है कि वह मिट्टी से ढकी होती है, लेकिन उस पर कोई पक्का ढांचा या छत नहीं होती.