
नागपुर हिंसा मामले में पुलिस का दावा, प्रदर्शन में जली चादर में नहीं था धार्मिक पाठ, भड़काऊ पोस्ट पर होगी कार्रवाई
AajTak
नागपुर पुलिस ने सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ सूचना और प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम के तहत चार और FIR दर्ज की हैं, जिसमें चादर जलाने वाले दावे का इस्तेमाल करके हिंसा भड़काने की कोशिश की गई थी.
महाराष्ट्र (Maharashtra) के नागपुर में सोमवार को भड़की हिंसा के मामले में पुलिस नए-नए खुलासे कर रही है. पुलिस ने दावा किया है कि प्रदर्शनकारियों द्वारा जो चादर जलाई गई थी, उस पर कोई धार्मिक पाठ नहीं था. नागपुर पुलिस ने कहा कि ऐसी अफवाहें थीं कि कथित इस्लामी पाठ वाली चादर के साथ औरंगजेब की तस्वीर जलाई गई थी, जिसके चलते वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिन्हें गुरुवार को जमानत पर रिहा कर दिया गया.
नागपुर पुलिस ने सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ सूचना और प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम के तहत चार और FIR दर्ज की हैं, जिसमें चादर जलाने वाले दावे का इस्तेमाल करके हिंसा भड़काने की कोशिश की गई थी. नागपुर हिंसा मामले में कुल एफआईआर 10 तक पहुंच गई हैं. मामले में अब तक 84 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
साइबर ब्रांच लेगा एक्शन
महाराष्ट्र साइबर ब्रांच ने भड़काऊ कंटेंट की पहचान की है, इस दौरान 140 से ज्यादा पोस्ट और वीडियो की पहचान की गई. महाराष्ट्र साइबर ब्रांच ने नागपुर हिंसा के संबंध में सांप्रदायिक अशांति भड़काने के उद्देश्य से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट और वीडियो सहित आपत्तिजनक सामग्री की पहचान की और रिपोर्ट की है.
एक अधिकारी ने बताया कि ये वीडियो और पोस्ट फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब पर अपलोड किए गए थे. उन्होंने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम 2000 की धारा 79 (3) (बी) के तहत नोटिस जारी किए गए हैं, जिससे ऐसे कंटेंट को तुरंत हटाया जा सके. इसके अलावा, इन अकाउंट्स को चलाने वाले लोगों की पहचान उजागर करने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 94 के तहत भी नोटिस जारी किए गए हैं.
यह भी पढ़ें: 'नागपुर हिंसा के दो दिन बाद महाराष्ट्र सरकार ने विधायकों को दी डिनर पार्टी', कांग्रेस ने साधा निशाना

केरल में पुलिस ने दो और बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है जो अवैध रूप से भारत में रह रहे थे. दोनों आरोपों की पहचान मोनिरुल मुल्ला और अल्ताब अली के रूप में हुई है. दोनों बांग्लादेश के मोहम्मद नगर के निवासी हैं. 2017 में भारत-बांग्लादेश सीमा पार करके पश्चिम बंगाल पहुंचे थे. वहां से उन्होंने फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बनवा लिए थे.

जम्मू-कश्मीर के गुरेज में पूर्व विधायक और बीजेपी नेता ने खुद को गोली मारकर अपनी जान दे दी. 62 साल के फकीर मोहम्मद खान ने अपने सरकारी आवास में खुदकुशी की है. फकीर मोहम्मद खान 1996 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए निर्दलीय विधायक चुने गए थे. लंबे समय तक राजनीति में सक्रिय रहने के बाद उन्होंने 2020 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे.