राहुल गांधी ही नहीं, दुनिया के दूसरे सबसे दौलतमंद आदमी के पास भी नहीं है अपना घर, घर खरीदने से जर्मन्स भी डरते हैं
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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस अधिवेशन के दौरान राहुल गांधी की स्पीच चर्चा में है. कई मसलों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि 52 साल हुए, लेकिन उनके पास अपना घर तक नहीं. वैसे राहुल अकेले नहीं, दुनिया के सबसे अमीर लोगों में एक एलन मस्क के पास भी अपना घर नहीं. कथित तौर पर वे अपने दोस्तों के एक्स्ट्रा कमरे में रहते आए हैं.
सबसे पहले तो जानते हैं कि राहुल गांधी ने घर को लेकर क्या बयान दिया. उन्होंने कहा कि मैं छोटा था, 1977 की बात है. घर में अजीब माहौल था. मैंने मां से पूछा कि हम घर क्यों छोड़ रहे हैं. तब पहली बार पता लगा कि ये हमारा घर नहीं है, हमें यहां से जाना होगा. मैं 52 साल का हो गया, लेकिन हमारे पास अपना घर नहीं. राहुल गांधी का यह बयान अब चर्चा में है. फिलहाल वो 12 तुगलक लेन में रह रहे हैं.
मस्क रहते हैं दोस्तों के घर पर राहुल गांधी अकेले ऐसे नहीं हैं जिनके पास अपना घर नहीं है, बल्कि अमेरिकी अरबपति बिजनेसमैन और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क भी कथित तौर पर हमेशा दोस्तों के घर पर रहते आए हैं. उनके पास भी अपना कोई घर नहीं. पिछले साल टेक टॉक में इंटरव्यू के दौरान खुद मस्क ने ये बात कही थी. उन्होंने कहा कि लोग अरबपतियों को उनके भारी शान-ओ-शौकत के लिए जानते हैं, लेकिन मेरा यकीन कुछ और है. मेरे पास प्राइवेट के नाम पर कम ही चीजें हैं. यहां तक कि मेरे पास अपना खरीदा हुआ घर भी नहीं. मैं अपने दोस्तों के स्पेयर बेडरूम में रहता हूं और जब किसी दोस्त के घर मेहमान बढ़ जाते हैं तो कुछ दिनों के लिए किसी और के यहां चला जाता हूं. याद दिला दें कि पिछले दिनों कंपनी में छंटनी के दौरान ये भी बात आई थी कि मस्क ज्यादातर रातें दफ्तर में ही बिताते हैं और वहीं उनके लिए बेडरूम का इंतजाम हो चुका है.
अब भी दूसरे अमीर शख्स मस्क सितंबर 2021 से दुनिया के सबसे अमीर शख्स रहे हैं. उन्होंने अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस को पछाड़कर यह जगह पाई थी. बाद में टेस्ला के शेयरों में भारी गिरावट के बाद मस्क की नेट वर्थ भी घट गई, लेकिन इसके बाद भी वे दुनिया के दूसरे सबसे दौलतमंद आदमी बने हुए हैं. फिलहाल उनके पास 185.4 बिलियन डॉलर की संपत्ति है.
मस्क के पास बाकी रईसों की तरह याच और बहुत सारे जेट्स भी नहीं हैं. एक प्राइवेट प्लेन है, जिसके बारे में उनका तर्क है कि अगर वे ये भी नहीं रखेंगे तो काफी सारा समय काम की बजाए सफर में ही चला जाएगा.
जर्मनी में 40 प्रतिशत के पास ही अपना घर भारत में अपना घर होना स्टेटस और यहां तक कि जरूरत से जोड़ा जाता है, लेकिन यूरोप के कई देश इससे एकदम अलग हैं. खासकर जर्मन्स किराए पर रहना पसंद करते हैं. ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकनॉमिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (OECD) के अनुसार जर्मनी उन देशों में टॉप पर है, जहां होम-ओनरशिप पसंद नहीं की जाती. इसका डेटा दावा करता है कि वहां 40 प्रतिशत लोगों के पास ही अपने घर हैं. बाकी जर्मन्स किराए पर रहते हुए ही जिंदगी निकाल देते हैं. वहीं 83 प्रतिशत से ज्यादा के साथ स्पेन होम ओनरशिप के मामले में यूरोपियन देशों में टॉप पर है.
दूसरा विश्व युद्ध बना वजह जर्मन्स अपना घर लेने से क्यों छिटकते हैं, इसे समझने के लिए एक बार इतिहास में झांकना होगा. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान शुरुआत में जर्मनी लीड करता दिख रहा था, लेकिन फिर काफी उलटफेर हुए और हिटलर की खुदकुशी के बाद जर्मनी को सरेंडर करना पड़ गया. इस बीच ब्रिटिश और अमेरिकी सेनाओं ने इस देश में काफी विध्वंस भी मचाया. सैनिकों समेत आम नागरिकों के कत्लेआम के बीच एक चीज ये भी हुई कि जर्मनी में रिहायशी इलाकों को भारी नुकसान हुआ. दोनों देशों की सेनाओं ने बहुत से मकान ढहा दिए. किसी भी समय एयर रेड्स पड़तीं और हर बड़ा शहर ध्वस्त हो जाता. बर्लिन और हैमबर्ग जैसे बड़े शहर राख के ढेर में बदलकर रह गए.
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