यूक्रेन से घर लौटे छात्रों ने बताया आंखों देखा हाल, सुनाई आपबीती
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संकटग्रस्त यूक्रेन में भारत के भी कई छात्र पढ़ते हैं. इन्हीं में से राजस्थान के तीन छात्र, जो यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे थे, भारत लौट आए हैं. उन्होंने न सिर्फ अपनी आपबीती बयां की, बल्कि यूक्रेन के हालात का आंखों देखा हाल बताया.
नई दिल्लीः यूक्रेन में हालात काफी तनावपूर्ण बने हुए हैं. रूस ने विद्रोहियों के कब्जे वाले यूक्रेन के जिन इलाकों को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित किया है, वहां पिछले चंद घंटों के दौरान रूस के हजारों सैनिक पहुंच चुके हैं. संकटग्रस्त यूक्रेन में भारत के भी कई छात्र पढ़ते हैं. इन्हीं में से राजस्थान के तीन छात्र, जो यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे थे, भारत लौट आए हैं. उन्होंने न सिर्फ अपनी आपबीती बयां की, बल्कि यूक्रेन के हालात का आंखों देखा हाल बताया.
छात्रों ने बताया कि पूर्वी यूरोपीय देश में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और चारों ओर सैनिक दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने वापसी के लिए सामान्य हवाई किराये का तीन गुना भुगतान किया.
इजरायल और हमास के बीच सीजफायर पर सहमति बनी है. रिपोर्ट्स की मानें तो दोनों पक्ष युद्धविराम और बंधक समझौते को फाइनल कर चुके हैं. शुक्रवार को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक्स पर लिखा, वार्ता दल ने पीएम को बताया कि बंधकों की रिहाई के लिए समझौते पर सहमति बन गई है. इस बारे में बंधकों के परिवार को जानकारी दे दी गई है.
ब्रिटिश सरकार ने बृहस्पतिवार को इजरायल और हमास के बीच 'बहु प्रतीक्षित' युद्धविराम समझौते का स्वागत किया. हालांकि दोनों पक्ष अनिश्चितताओं से भरे इस समझौते को अंतिम रूप देने में लगे हैं, जिसमें फलस्तीनी कैदियों के बदले इजरायली बंधकों की अदला-बदली और पहले चरण में गाजा से इजरायली सैनिकों की वापसी की शुरुआत शामिल होने की उम्मीद है.
बांग्लादेश के विदेश सचिव मोहम्मद जशीम उद्दीन ने रविवार को विदेश मंत्रालय में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा के साथ बैठक के दौरान हाल के सीमा तनाव को लेकर बांग्लादेश की ओर से 'गहरी चिंता' जताई. सरकारी समाचार एजेंसी 'BSS' ने पहले अपनी खबर में बताया था कि वर्मा को विदेश मंत्रालय ने सीमा पर बढ़ते तनाव पर चर्चा करने के लिए 'तलब' किया था.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलिना जॉर्जीवा ने कहा कि स्थिर वैश्विक वृद्धि के बावजूद 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 'थोड़ा कमजोर' रहने की आशंका है. जॉर्जीवा ने कहा कि उन्हें इस साल दुनिया में मुख्य रूप से अमेरिका की व्यापार नीति को लेकर काफी अनिश्चितता नजर आने की संभावना दिख रही है.