मौत का कारण बन जाती है रेबीज के इलाज में जरा भी देरी, जानिए कितनी खतरनाक है ये बीमारी ?
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दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में कुत्ते के काटने की वजह से हुए रेबीज से 14 साल के बच्चे की मौत हो गई. रेबीज ऐसी बीमारी है, जिसका फैलने से पहले इलाज न हो तो जान बचना मुश्किल हो जाती है. इसके बारे में कुछ चीजों को जान लेना जरूरी है.
दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में रेबीज से 14 साल के बच्चे की मौत की खबर दिल दहलाने वाली है. बच्चे को एक महीने पहले कुत्ते ने काट खाया था. समय पर इलाज नहीं हुआ और रेबीज का इन्फेक्शन बढ़ता चला गया. काटने के कुछ दिनों बाद ही बच्चे में अजीबो-गरीब लक्षण भी नजर आने लगे. वह हवा और पानी से भी डर रहा था. जब तक घरवालों ने डॉक्टर को दिखाया देर हो चुकी थी. रेबीज का अगर समय से इलाज न हो तो यह खतरनाक रूप ले लेती है.
फेलिक्स हॉस्पिटल के सीएमडी डॉक्टर डीके गुप्ता के अनुसार, हर साल रेबीज की वजह से 18 से 20 हजार लोगों की मौत हो जाती है. भारत में रेबीज के लगभग 30-60% मामले एवं मौतों में 15 साल से कम उम्र के बच्चे शामिल हैं, क्योंकि बच्चों में काटने के निशान को अक्सर पहचाना नहीं जाता और रिपोर्ट नहीं किया जाता है. भारत में मानव रेबीज के लगभग 97% मामलों के लिए कुत्ते जिम्मेदार हैं, इसके बाद बिल्लियां (2 फीसदी) गीदड़, नेवले और अन्य (1 फीसदी) हैं. यह रोग पूरे देश में स्थानिक है.
रेबीज क्या है ? रेबीज एक बीमारी है जो कि रेबीज नामक विषाणु से होते हैं यह मुख्य रूप से पशुओं की बीमारी है लेकिन संक्रमित पशुओं द्वारा मनुष्यों में भी हो जाती है. यह विषाणु संक्रमित पशुओं के लार में रहता है. जब कोई पशु मनुष्य को काट लेता है यह विषाणु मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाता है.
यह भी बहुत मुमकिन होता है कि संक्रमित लार से किसी की आंख, मुहं या खुले घाव से संक्रमण होता है. इस बीमारी के लक्षण मनुष्यों में कई महीनों से लेकर कई वर्षों तक में दिखाई देते हैं. हालांकि, आमतौर पर ये लक्षण 1 से 3 महीनों में दिखाई देते हैं.
रेबीज कैसे फैलता है ? रेबीज से संक्रमित जानवर के काटने से रेबीज का संक्रमण फैलता है. ज्यादातर मामलों में मनुष्यों में यह बीमारी कुत्ते के काटने या खरोंचने से भी होती है (90 प्रतिशत से ज्यादा).
रेबीज बीमारी के मुख्य लक्षण? रेबीज बीमारी के लक्षण संक्रमित पशुओं के काटने के बाद या कुछ दिनों में लक्षण प्रकट होने लगते हैं लेकिन अधिकतर मामलों में रोग के लक्षण प्रकट होने में कई दिनों से लेकर कई वर्षों तक लग जाते हैं. रेबीज बीमारी का एक खास लक्षण यह है कि जहां पर पशु काटते हैं उस जगह की मांसपेशियों में सनसनाहट की भावना पैदा हो जाती है.
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