'मां प्रेगनेंट हैं और...' घर की मरम्मत में मिली 1975 की चिट्ठी, 14 साल की बच्ची ने लिखी थीं ऐसी बातें
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दीवार के पीछे देखा तो एक छोटी बोतल मिली. जिसमें दो पेज का नोट था. इस चिट्ठी को उस वक्त एक 14 साल की बच्ची ने लिखा था. जिसका नाम स्टेफनी हैरन था.
ये कार्पेंटर एक घर में रिनोवेशन का काम करने आया था. इस दौरान उसे 1975 की एक चिट्ठी मिली. जिसे किसी महिला ने लिखा था. चिट्ठी एक बोतल में बंद थी. बाद में कार्पेंटर ने इस चिट्ठी को लिखने वाली महिला को भी ढूंढ निकाला. कार्पेंटर की पहचान डकोता मोह्न के तौर पर हुई है. मामला अमेरिका के इलिनोइस का है. लिविंग रूम की दीवार को तोड़ने के बाद लकड़ी पर लिखा था, 'नोट 9/29/1975'. इसके साथ दो ऐरो भी बने हुए थे. जबकि इसके पीछे देखा तो एक छोटी बोतल मिली. जिसमें दो पेज का नोट था. इस चिट्ठी को उस वक्त एक 14 साल की बच्ची ने लिखा था. जिसका नाम स्टेफनी हैरन था.
मिरर यूके की रिपोर्ट के अनुसार, डकोता ने चिट्ठी की तस्वीरों को रेडिट पर शेयर कर दिया. चिट्ठी में उस वक्त टीनेजर की जिंदगी कैसी थी, इस बारे में लिखा था. इसमें लिखा था, 'जिसे भी ये चिट्ठी मिलती है. आज 29 सितंबर, 1975 है. मेरा नाम स्टेफनी हैरन है. यहां मैं अपनी मां, पिता, बैकी और वलेरी के साथ रहती हूं. गेराल्ड फॉर्ड राष्ट्रपति हैं. मिस्टर ले मेरे पड़ोसी हैं. मां गर्भवती हैं और बच्चा अब कभी भी आ जाएगा. जितना हमें पता है, ये घर 1872 में बना था. हम घर को रीमॉडल कर रहे हैं. इलिनोइस सेंट्रल रेलरोड घर के पश्चिम की ओर है. हम यहां 8 साल से रह रहे हैं.'
चिट्ठी में स्टेफनी ने लिखा है कि वो 14 साल की है और उसके बहन भाई, 16 और 12 साल के हैं. उसने बताया है कि उसकी मां रोज हैरन रजिस्टर्ड नर्स है. जो नर्सिंग होम में काम करती थी और नेब्रास्का में पैदा हुई. वो एक अच्छी मां है. वहीं डकोता का कहना है कि वो घर के रिनोवेशन का काम करते हुए मलबे को साफ कर रहे थे. तभी उन्हें दीवार पर कुछ लिखा दिखा. अंदर फोन डालकर एक तस्वीर ली तो उसमें बोतल दिखी. बोतल को निकाला तो अंदर चिट्ठी थी. ऐसा लगा मानो 14 साल की लड़की सामने खड़ी होकर बातें कर रही हो. ये चिट्ठी आधी सदी से भी पीछे ले गई.
बाद में डकोता ने स्टेफनी को ढूंढ निकाला. जो इस वक्त 63 साल की है. शादी के बाद उसका सरनेम बदल गया है. वो अमेरिका के ब्रुकलिन में रहती है और पांच बच्चों की मां है. स्टेफनी का कहना है कि वो भूल गई थी कि उसने चिट्ठी में क्या लिखा था. ये कार्पेंटर को मिल गई है, इससे वो हैरान है. उसका कहना है कि जिंदगी चलती रही, साल बीतते रहे. वो सबकुछ भूल गई थी. अब इस घर के नए मालिक ने एक शैडो बॉक्स बनाने का सोचा है. जिनमें स्टेफनी की चिट्ठी डिस्पले के लिए रखी जाएंगी. अब वो भी दीवार के भीतर एक चिट्ठी रखने का सोच रहा हैं, ताकि उसे भविष्य में कोई ढूंढ सके.
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