
'भारत अपने टैरिफ में करेगा भारी कटौती', रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करने से पहले बोले डोनाल्ड ट्रंप
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रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करने से पहले सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि मैंने कुछ समय पहले ही सुना है कि भारत अपने टैरिफ में भारी कमी करने जा रहा है. मैंने कहा, किसी ने ऐसा बहुत पहले क्यों नहीं किया. मुझे लगता है कि बहुत सारे देश अपने टैरिफ में कमी करने जा रहे हैं.
अमेरिका दुनिया भर के देशों पर बुधवार 2 अप्रैल से रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने जा रहा है, जिसको लेकर उथल-पुथल मची हुई है. इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत 2 अप्रैल से अपने टैरिफ में काफी हद तक कमी करेगा, क्योंकि वह बुधवार से अन्य देशों पर भी टैरिफ लगाने की घोषणा करने वाले हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को ओवल ऑफिस में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, "मुझे लगता है कि बहुत से (देश) अपने टैरिफ कम कर देंगे, क्योंकि वे सालों से संयुक्त राज्य अमेरिका पर अनुचित तरीके से टैरिफ लगा रहे हैं. अगर आप कारों पर यूरोपीय संघ को देखें तो यूरोपीय संघ ने पहले ही अपना टैरिफ घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया है. इसकी घोषणा कुछ दिन पहले की गई थी. ये बहुत छोटा टैरिफ है. संयुक्त राज्य अमेरिका ने इन देशों पर बहुत कम टैरिफ लगाया है." ट्रंप ने कहा, "मैंने कुछ समय पहले ही सुना है कि भारत अपने टैरिफ में भारी कमी करने जा रहा है. मैंने कहा, किसी ने ऐसा बहुत पहले क्यों नहीं किया. मुझे लगता है कि बहुत सारे देश अपने टैरिफ में कमी करने जा रहे हैं."
'कृषि उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाता है भारत'
ट्रंप की टिप्पणी से कुछ ही घंटे पहले व्हाइट हाउस ने कहा था कि भारत अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाता है. इसमें कहा गया है कि अन्य देशों द्वारा लगाए गए हाई टैरिफ के कारण उन देशों में अमेरिकी उत्पादों का आयात करना सच में असंभव हो गया है.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिना लेविट ने सोमवार को कहा, "सबसे पहले दुर्भाग्य से ये देश बहुत लंबे समय से हमारे देश को लूट रहे हैं और मुझे लगता है कि उन्होंने अमेरिकी श्रमिकों के प्रति अपनी घृणा को बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है."
ये देश लगाते हैं भारी टैरिफ

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इमिग्रेशन जज जेमी ई. कोमन्स ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी के छात्र महमूद खलील को डिर्पोटेशन को मंजूरी दे दी है. उन्होंने फैसला सुनाते हुए कहा, 'अमेरिकी सरकार ने स्पष्ट और ठोस सबूत दिए हैं कि देश में खलील की मौजूदगी संभावित रूप से गंभीर विदेश नीति परिणाम पैदा कर सकती है, जो निष्कासन के लिए कानूनी सीमा को पूरा करती है.'