बैन हटने के बाद यूक्रेन ने दागीं 6 अमेरिकी मिसाइलें, रूस का दावा
AajTak
रूस ने कहा है कि अमेरिकी निर्मित लंबी दूरी की मिसाइलों के उपयोग की अनुमति देने का बाइडेन का निर्णय यूक्रेन-रूस युद्ध में तनाव के एक नए दौर की शुरुआत है. इससे पहले मंगलवार को पुतिन ने रूस की परमाणु नीति में एक अहम बदलाव को मंजूरी दी.
रूस के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन ने रूस के ब्रांस्क क्षेत्र में अमेरिका निर्मित छह ATACMS मिसाइलें दागीं. रूस का ने यह आरोप तब लगाया है, जब कुछ ही दिनों पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन द्वारा युद्ध में अमेरिका निर्मित हथियारों के उपयोग पर प्रतिबंधों में ढील देने का फैसला किया था. रूसी रक्षा मंत्रालय के हवाले से समाचार एजेंसी द एसोसिएटेड प्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट के में कहा, 'रूस की सेना ने 5 आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम, जिन्हें ATACMS के नाम से जाना जाता है, को मार गिराया और एक और सिस्टम को नष्ट कर दिया.'
रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसकी सेना द्वारा नष्ट किए गए ATACMS मिसाइलों का मलबा एक मिलिट्री फैसिलिटी में गिरा, जिस कारण वहां आग लग गई, लेकिन किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. एपी की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन ने दावा किया कि उसने 18 नवंबर की आधी रात को ब्रांस्क में एक रूसी सैन्य हथियार डिपो पर हमला किया. हालांकि, यूक्रेन ने यह नहीं बताया कि उसने इस हमले में किन हथियारों का इस्तेमाल किया. यूक्रेनी सेना के प्रवक्ता ने बताया कि निशाना बनाए गए क्षेत्र में कई विस्फोट सुनाई दिए.
यह भी पढ़ें: जो बाइडेन का बड़ा फैसला, यूक्रेन को अमेरिकी हथियारों से रूस पर हमले करने की दी अनुमति
जो बाइडेन ने पिछले दिनों अमेरिकी हथियारों के इस्तेमाल को आसान बनाते हुए यूक्रेन को रूस के अंदर अधिक गहराई तक हमला करने के लिए अपने देश द्वारा आपूर्ति की गई लंबी दूरी की मिसाइलों का उपयोग करने की इजाजत दी थी. यह निर्णय रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन की उत्तरी सीमा पर उत्तर कोरियाई सैनिकों को तैनात करने के बाद आया. पुतिन की कोशिश यूक्रेनी सेना द्वारा कब्जे में लिए गए कई रूसी क्षेत्रों को पुनः प्राप्त करने की है.
रूस ने कहा है कि अमेरिकी निर्मित लंबी दूरी की मिसाइलों के उपयोग की अनुमति देने का बाइडेन का निर्णय यूक्रेन-रूस युद्ध में तनाव के एक नए दौर की शुरुआत है. इससे पहले मंगलवार को पुतिन ने रूस की परमाणु नीति में एक अहम बदलाव को मंजूरी दी. इसके तहत अगर कोई देश किसी परमाणु शक्ति संपन्न देश की मदद से रूस को निशाना बनाकर मिसाइलें दागता है तो इसे दोनों देशों द्वारा संयुक्त हमला माना जाएगा. रूस इस हमले का जवाब WMD (Weapon of mass Destruction) से दे सकता है. इसका मतलब है परमाणु हमला.
अमेरिका आखिर चाहता क्या है? बाइडन क्या चाहते हैं? ये दो सवाल इस वक्त पूरी दुनिया के लोगों के जहन में है. इसकी दो वजह हैं. एक तो रूस यूक्रेन जंग, दूसरा ईरान-इजरायल जंग. पहले बात रूस यूक्रेन जंग और अमेरिका के फैसले की कर लेते हैं. अमेरिका में हाल ही में चुनाव हुए जिसके बाद डोनाल्ड ट्रंप जीत गए. अब वो 20 जनवरी को शपथ लेंगे. वहीं जो बाइडन की जो ट्रंप से पहले राष्ट्रपति थे.
रूस के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन ने रूस के ब्रांस्क क्षेत्र में अमेरिका निर्मित छह ATACMS मिसाइलें दागीं. रूस का ने यह आरोप तब लगाया है, जब कुछ ही दिनों पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन द्वारा युद्ध में अमेरिका निर्मित हथियारों के उपयोग पर प्रतिबंधों में ढील देने का फैसला किया था.