बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंंग छुड़ाने में मम्मियां भी हो जाती हैं इमोशनल! अपनाएं ये आसान रास्ता
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हाल ही में रविवार एक अगस्त से सात अगस्त 2021 के बीच दुनिया भर में ब्रेस्ट फीडिंंग वीक मनाया गया. इस पूरे वीक ब्रेस्ट फीडिंंग के फायदे को लेकर कई चर्चाएं हुईं. लेकिन एक मां के लिए ऐसा भी वक्त आता है जब मां को अपने बच्चे को ये आदत छुड़वानी पड़ती है. लेकिन ये आदत छुड़वाना दोनों के लिए आसान नहीं है. एक्सपर्ट से जानें कि क्या है सही तरीका...
मां के दूध को लेकर पूरी दुनिया में शोध हो चुके हैं, जिनसे ये सिद्ध किया जा चुका है कि मां का दूध नवजात के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंंद होता है. करीब एक साल तक जब तक बच्चा ठोस आहार नहीं लेने लगता, तब तक मां का दूध ही ऐसा होता है जो ऊर्जा देने के साथ साथ बच्चे को हाइड्रेट रखता है. लेकिन फिर एक ऐसा भी वक्त आता है जब डॉक्टर भी मां का दूध छुड़ाने की सलाह देते हैं. ऐसे में ये लम्हा मां और बच्चे के बीच इमोशनल कनेक्शन के बीच आता है. मनोवैज्ञानिक अध्ययनों में सामने आया है कि ये आदत छुड़ाना मां और बच्चे दोनों के लिए कठिन है. जानिए- इसके लिए क्या करना चाहिए. सर गंगाराम अस्पताल में चाइल्ड साइक्रेटिस्ट डॉ राजीव मेहता कहते हैं कि कई मांओं में वीनिंग यानी कि दूध छुड़ाने के बाद डिप्रेशन के गुण भी बढ़ जाते हैं. वो खुद को हल्का महसूस करने के बजाय चिड़चिड़ा और उदास महसूस करती हैं, उन्हें लगता है कि वो बच्चों को दुख पहुंचा रही हैं. लेकिन ये लक्षण अगर सीमित हैं तो ये असामान्य नहीं है. लेकिन कुछ माताओं को चिड़चिड़ापन, एंजाइटी या डिप्रेशन का अनुभव होता है. ये भावनाएं आमतौर पर अल्पकालिक होती हैं और कुछ हफ्तों में दूर हो जानी चाहिए, लेकिन यदि इसके अधिक गंभीर लक्षणों का अनुभव होता है तो ऐसी माताओं को डॉक्टरी सलाह और उपचार की आवश्यकता होती है. डॉक्टर सलाह देते हैं कि बच्चे को 6 महीने का होने तक सिर्फ स्तनपान ही जरूरी होता है. मां के दूध में सभी तरह के पोषक तत्व होते हैं जो 6 महीने तक शिशु के विकास में मदद करते हैं. यही नहीं स्तनपान कराने से मां और बच्चे दोनों के बीच का रिश्ता मजबूत होता है. लेकिन बच्चे के एक साल के होने के बाद आप उसे स्तनपान करवाना बंद कर सकती हैं. इसके लिए सबसे पहले खुद को तैयार करना चाहिए.Redmi A4 5G Price in India: शाओमी ने भारत में अपना नया स्मार्टफोन लॉन्च कर दिया है, जो ब्रांड का सबसे सस्ता 5G फोन है. कंपनी ने Redmi A4 5G को लॉन्च किया है, दो दमदार फीचर्स के साथ 9 हजार रुपये से कम के बजट में आता है. इसमें 50MP के मेन लेंस वाला डुअल रियर कैमरा और 5160mAh की बैटरी दी गई है. आइए जानते हैं इसकी डिटेल्स.
बीते कुछ सालों में, Artificial Intelligence ने कई sectors को revolutionize कर दिया है, और education field पर भी इसका बड़ा असर हुआ है. AI-powered technologies के development के साथ, हमारे सीखने और सिखाने के तरीके में बड़ा transformation हो रहा है. India में, जहां education system vast और diverse है, AI, students के education पाने के तरीके को नया रूप देने में बड़ा रोल निभा सकता है. आइए जानते हैं कि AI teachers भारत में education system को कैसे बदल सकते हैं, और इस बदलाव का students, teachers और पूरे देश पर क्या असर हो सकता है.
यदि आपका बच्चा पढ़ना-लिखना पसंद नहीं करता है तो ज्योतिषी प्रवीण मिश्र के उपाय का पालन कर इसे दूर कर सकते हैं. भगवान कृष्ण को मिसरी और तुलसी दल का भोग लगाकर प्रतिदिन बच्चे को खिलाएं. बच्चे के पढ़ाई के स्थान पर हरे रंग की चीजें ज्यादा रखें. बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करें. घी का दीपक जला कर आरती करें. भगवान गणेश से प्रार्थना करें.
जेेएनयू के टीचर्स एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि इससे पहले भी TISS ने मुंबई में इसी तरह की एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें प्रो. पंडित ने हिस्सा लिया था. हालांकि, पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है और यह आरोप है कि सेमिनार में दी गई प्रस्तुतियों का इस्तेमाल कुछ राजनीतिक संगठनों ने प्रवासन के पैटर्न को 'अवैध' साबित करने के लिए किया.