!['न सेक्युलर शब्द हटाएंगे, न हटाने देंगे...,' संविधान बदलने के आरोपों पर अमित शाह ने दिया ये जवाब](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202404/66227fa164592-amit-shah-192848585-16x9.jpeg)
'न सेक्युलर शब्द हटाएंगे, न हटाने देंगे...,' संविधान बदलने के आरोपों पर अमित शाह ने दिया ये जवाब
AajTak
लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद आजतक ने गृह मंत्री अमित शाह से खास बातचीत की. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी के 400 पार और बीजेपी नेताओं के 'संविधान में संशोधन' जैसे बयानों पर उन्होंने खुलकर बात की. उन्होंने स्पष्ट किया कि बीजेपी की ऐसी कोई योजना नहीं है कि सीटें मिलने के बाद संविधान में संशोधन करेंगे या सेक्युलर शब्द हटाएंगे.
लोकसभा चुनाव में बीजेपी 370 सीटें और एनडीए 400 सीटें जीतने का लक्ष्य रखे हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बीजेपी के तमाम नेता 370 और 400 पार के नारे को आगे बढ़ा रहे हैं. बीजेपी के ही कुछ नेताओं ने इसका दावा किया था कि बीजेपी को 400 से ज्यादा सीट इसलिए चाहिए ताकि संविधान में संशोधन कर सके. आजतक से बातचीत में इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्टीकरण दिया है.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "10 साल से हमारे पास बहुमत है. 2014 में बीजेपी के पास 272 सीटें थी. फिलहाल 300 से ज्यादा सीटें हैं. दोनों बार एनडीए को मिलाकर संविधान बदलने की भी ताकत है. हमने अपने बहुमत का इस्तेमाल 370 हटाने में किया, सीएए लाने में किया, तीन तलाक समाप्त करने में किया है."
यह भी पढ़ें: 'दूरबीन लेकर भी एंटी इंकबेंसी नजर नहीं आ रही', खास बातचीत में बोले गृहमंत्री अमित शाह
"सेक्युलर शब्द हटाने की हमें कोई जरूरत नहीं"
संविधान से 'सेक्युलर शब्द हटाने' के दावों पर पूछे गए सवाल के जवाब में गृह मंत्री ने कहा, "सेक्युलर शब्द हटाने की हमें कोई जरूरत नहीं है. इस देश को पंथनिरपेक्ष बनाने का सबसे बड़ा आग्रह बीजेपी का है, इसलिए हम यूसीसी ला रहे हैं." उन्होंने कहा, "वो (कांग्रेस) देश को शरिया के नाम पर चलाना चाहती है और उन्हें सेक्युलर बनने की जरूरत है. हमें नहीं हैं. हम तो कह रहे हैं कि इस देश का संविधान धर्म के आधार पर होना चाहिए."
"न आरक्षण हटाएंगे, न हटाने देंगे"
![](/newspic/picid-1269750-20250213091930.jpg)
दशकों की गुलामी से आजाद हुआ भारत अपने पैरों पर खड़ा होने की कोशिश कर रहा था. ऐसी स्थिति में भारत की उम्मीद भरी नजरें अमेरिका की तरफ थी. 1949 में प्रधानमंत्री नेहरू पहली बार अमेरिका के दौरे पर गए. भारत को आस थी कि दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क उनकी मदद करेगा लेकिन अमेरिका की ट्रूमैन सरकार को इसमें कोई खास दिलचस्पी नहीं थी.
![](/newspic/picid-1269750-20250213084148.jpg)
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री का बेटा अपने दोस्तों के साथ चार्टर्ड फ्लाइट (chartered flight) से बैंकॉक (Bangkok) जा रहा था, लेकिन इस बारे में परिजनों को नहीं बताया था. इसके बाद पूर्व मंत्री ने फ्लाइट को आधे रास्ते से ही पुणे वापस बुलवा लिया. इस पूरे मामले में न केवल पुलिस बल्कि एविएशन अथॉरिटी तक को शामिल होना पड़ा.
![](/newspic/picid-1269750-20250213073703.jpg)
मणिपुर सहित पूरे उत्तर-पूर्व में जातीय संघर्ष बेहद जटिल और गहराई से जड़ें जमाए हुए हैं. न तो बिरेन सिंह का इस्तीफा, न कोई नया मुख्यमंत्री और न ही केंद्र का सीधा हस्तक्षेप इस समस्या का कोई आसान समाधान निकाल सकता है. जब तक राज्य के हर जातीय, धार्मिक और भाषाई समुदाय की अपनी अलग पहचान को बनाए रखने की मानसिकता कायम रहेगी तब स्थाई शांति की बीत बेमानी ही होगी.
![](/newspic/picid-1269750-20250213064019.jpg)
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आपकी सलाह हम मानते हैं. यही तरीका उधर वाले भी मान गए तो हम समझते हैं कि नड्डा साहब अपने सदस्यों को बड़ा कंट्रोल में रखा है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वक्फ बिल पर हमारे अनेक सदस्यों ने डिसेंट नोट्स दिए हैं. उनको प्रॉसीडिंग से निकालना अलोकतांत्रिक है. VIDEO
![](/newspic/picid-1269750-20250213061806.jpg)
संसद के दोनों सदनों में हंगामा जारी है. राज्यसभा में जेपीसी रिपोर्ट पेश की गई, जबकि लोकसभा में भी इसे टेबल किया जाना है. विपक्ष इस रिपोर्ट का विरोध कर रहा है. इसके अलावा, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अपमान को लेकर सभापति ने कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने कहा कि यह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति का अपमान है. VIDEO