निवास प्रमाण पत्र देखकर मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती करने से नहीं कर सकते इनकार: सुप्रीम कोर्ट
Zee News
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति रविंद्र भट की तीन सदस्यीय पीठ ने केंद्र और राज्यों को यह निर्देश भी दिया कि वह अधिसूचना जारी करे कि सोशल मीडिया पर सूचना रोकने या किसी भी मंच पर मदद मांग रहे लोगों का उत्पीड़न करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह दो हफ्ते के भीतर कोविड-19 महामारी की लहर के मद्देनजर अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने की राष्ट्रीय नीति बनाए. इसके साथ ही अदालत ने कहा कि किसी भी मरीज को स्थानीय निवास प्रमाण पत्र नहीं होने के आधार पर कोई भी राज्य अस्पताल में भर्ती करने या आवश्यक दवा मुहैया कराने से इनकार नहीं कर सकता है. केंद्र और राज्यों को दिए निर्देश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति रविंद्र भट की तीन सदस्यीय पीठ ने केंद्र और राज्यों को यह निर्देश भी दिया कि वह अधिसूचना जारी करे कि सोशल मीडिया पर सूचना रोकने या किसी भी मंच पर मदद मांग रहे लोगों का उत्पीड़न करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.More Related News