दिल्ली: MCD स्कूलों में बढ़ रहे बच्चों के एडमिशन, कोरोना ने बदला पैरेंट्स का ट्रेंड
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अभिभावकों का कहना है कि कोरोना के कारण उनकी आमदनी अब इतनी नही रही है कि वे अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ा सकें, इसलिये वे अपने बच्चों का निगम के स्कूल में एडमिशन करा रहे हैं.
दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में पिछले 5 सालों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है. इस साल साउथ दिल्ली नगर निगम के प्राइमरी स्कूल में 93,696 बच्चों ने एडमिशन लिया, नॉर्थ एमसीडी में 84,120 और पूर्वी दिल्ली नगर निगम स्कूलों में बच्चों की संख्या 40,000 से अधिक बढ़ोतरी हुई है. साउथ दिल्ली नगर निगम के मेयर के मुकेश सूर्यन के अनुसार एमसीडी द्वारा अपनी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव के कारण लोगों का रुझान नगर निगम के स्कूलों की ओर बढ़ रहा है. निगम के स्कूलों में शिक्षा का स्तर लगातार बेहतर हो रहा है इसलिए लोग अपने बच्चों का दाखिला इन स्कूलों में करा रहे हैं.
Redmi A4 5G Price in India: शाओमी ने भारत में अपना नया स्मार्टफोन लॉन्च कर दिया है, जो ब्रांड का सबसे सस्ता 5G फोन है. कंपनी ने Redmi A4 5G को लॉन्च किया है, दो दमदार फीचर्स के साथ 9 हजार रुपये से कम के बजट में आता है. इसमें 50MP के मेन लेंस वाला डुअल रियर कैमरा और 5160mAh की बैटरी दी गई है. आइए जानते हैं इसकी डिटेल्स.
बीते कुछ सालों में, Artificial Intelligence ने कई sectors को revolutionize कर दिया है, और education field पर भी इसका बड़ा असर हुआ है. AI-powered technologies के development के साथ, हमारे सीखने और सिखाने के तरीके में बड़ा transformation हो रहा है. India में, जहां education system vast और diverse है, AI, students के education पाने के तरीके को नया रूप देने में बड़ा रोल निभा सकता है. आइए जानते हैं कि AI teachers भारत में education system को कैसे बदल सकते हैं, और इस बदलाव का students, teachers और पूरे देश पर क्या असर हो सकता है.
यदि आपका बच्चा पढ़ना-लिखना पसंद नहीं करता है तो ज्योतिषी प्रवीण मिश्र के उपाय का पालन कर इसे दूर कर सकते हैं. भगवान कृष्ण को मिसरी और तुलसी दल का भोग लगाकर प्रतिदिन बच्चे को खिलाएं. बच्चे के पढ़ाई के स्थान पर हरे रंग की चीजें ज्यादा रखें. बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करें. घी का दीपक जला कर आरती करें. भगवान गणेश से प्रार्थना करें.
जेेएनयू के टीचर्स एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि इससे पहले भी TISS ने मुंबई में इसी तरह की एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें प्रो. पंडित ने हिस्सा लिया था. हालांकि, पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है और यह आरोप है कि सेमिनार में दी गई प्रस्तुतियों का इस्तेमाल कुछ राजनीतिक संगठनों ने प्रवासन के पैटर्न को 'अवैध' साबित करने के लिए किया.