'जैसे त्रेता युग में रावण की मति मारी गई थी वैसे ही कांग्रेस...' अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकराने पर BJP का कटाक्ष
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कांग्रेस ने बुधवार को घोषणा की कि मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के निमंत्रण को 'सम्मानपूर्वक अस्वीकार' कर दिया है, और आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस ने इसे 'चुनावी लाभ' के लिए 'राजनीतिक कार्यक्रम' बना दिया गया है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को होने वाले राम मंदिर अभिषेक समारोह में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है. भाजपा ने इस कदम के लिए बुधवार को कांग्रेस की आलोचना की. भगवा पार्टी ने कहा कि जैसे त्रेता युग में 'रावण की मति मारी गई थी', उसी तरह कांग्रेसी भी अपना दिमाग खो चुके हैं.
कांग्रेस ने बुधवार को घोषणा की कि मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के निमंत्रण को 'सम्मानपूर्वक अस्वीकार' कर दिया है, और आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस ने इसे 'चुनावी लाभ' के लिए 'राजनीतिक कार्यक्रम' बना दिया गया है.
कांग्रेस कभी अयोध्या में मंदिर बनते नहीं देखना चाहती थी: BJP
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नलिन कोहली ने एक समाचार एजेंसी से कहा, 'कांग्रेस आधिकारिक तौर पर कह रही है कि उसके वरिष्ठ नेता 22 जनवरी को अयोध्या में नहीं होंगे, इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए. क्योंकि पिछले कुछ दशकों में कांग्रेस ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया, जिससे कहा जा सके कि वह अयोध्या में मंदिर बनते देखना चाहती हो'.
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि वास्तव में कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने भगवान राम के अस्तित्व को नकारने के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक हलफनामा दायर किया था. उन्होंने कहा, 'वे कभी भी इस मुद्दे की जल्द सुनवाई नहीं चाहते थे. अब जब वहां एक मंदिर बन गया है, तो वे कह रहे हैं कि अयोध्या नहीं जाएंगे. वे कभी नहीं चाहते थे कि वहां मंदिर बने'.
नलिन कोहली ने कहा कि कांग्रेस का यह आरोप कि यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का कार्यक्रम है, महज एक बहाना है. भाजपा नेता ने कहा, 'वास्तव में, यह कांग्रेस पार्टी की अपनी सोच से मेल नहीं खाता है. अगर भगवान राम में उनकी आस्था होती तो वे अयोध्या में होते. दुनिया और देशभर में लाखों भारतीयों के उत्साह में शामिल होते'.
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