जूनियर ने नशे में बॉस को किया ऐसा मैसेज , लोग बोले- स्क्रीनशॉट CV में डाल लो
AajTak
एक शख्स ने नशे की हालत में अपने बॉस को ऐसा मैसेज किया कि उसका स्क्रीनशॉट वायरल हो गया. इसमें उसने जो लिखा था वह पढ़कर कोई भी बॉस खुश हो जाएगा. इसका स्क्रीनशॉट वायरल हुआ तो लोग इसपर ढेरों कमेंट करने लगे.
कहते हैं कि इंसान शराब के नशे में अक्सर सच बोलता है और इसी सच के चलते कई बार रिश्ते चौपट हो जाते हैं तो कभी नौकरी. कई बार देखा गया है कि लोग नशे में बॉस को ऐसा मैसेज कर देते हैं कि उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ता है. लेकिन एक शख्स ने नशे की हालत में अपने बॉस से जो कहा उससे वह नाराज होने की जगह मानो खुश ही हो गया.
'बॉस मैं नशे में हूं लेकिन मैं ...'
बॉस ने अपने जूनियर के मैसेज का स्क्रीनशॉट खुद सोशल मीडिया पर शेयर किया. मैसेज में नशे में धुत कर्मचारी ने अपने बॉस के प्रति लगाव जाहिर किया.
आधी रात 2.30 बजे किए गए मैसेज में उसने लिखा- 'बॉस मैं नशे में हूं लेकिन मैं आपको एक बात कहना चाहता हूं. मुझपर भरोसा करने के लिए शुक्रिया. मुझे आगे बढ़ाने के लिए शुक्रिया. अच्छी कंपनी मिलने से ज्यादा मुश्किल होता है अच्छा मैनेजर मिलना. तो मैं लकी हूं. आप खुद की सराहना कीजिए और खुद को बधाई दीजिए. बाय.'
'इस स्क्रीनशॉट को सीवी में जोड़ लो'
पोस्ट के कैप्शन में बॉस (सिद्धांत) ने लिखा था- एक्स की तरफ के नशे में मैसेज आना तो आम है लेकिन क्या आपको कभी ऐसा मैसेज आया है? पोस्ट वायरल हुआ तो लोगों ने इसपर ढेरों कमेंट करने शुरू कर दिए. किसी ने कहा- तुम कितने खुशनसीब हो कि तुम्हारे जूनियर तुम्हें पसंद करते हैं. वहीं किसी अन्य ने लिखा- तुम सच में अच्छे मैनेजर होगे वरना कोई ऐसा मैसेज नहीं करता.
Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति का त्योहार धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है. पुराणों के अनुसार, इस दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनिदेव से मिलने आते हैं, जो मकर राशि के स्वामी हैं. यह त्योहार पिता और पुत्र के बीच एक स्वस्थ रिश्ते का प्रतीक है. मकर संक्रांति भगवान विष्णु की असुरों पर विजय के प्रतीक के रूप में मनाई जाती है. इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी.
BPSC Protest: बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. अभ्यर्थियों ने सत्याग्रह शुरू कर दिया है और मांगें पूरी न होने पर राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है. छात्र संगठनों के समर्थन से यह आंदोलन और भी व्यापक हो गया है. पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने भी परीक्षा रद्द करने की मांग की है.
एक कार्यक्रम में आनंद महिंद्रा ने कहा कि यह बहस गलत दिशा में जा रही है. यह घंटों की गिनती नहीं होनी चाहिए, बल्कि काम के आउटपुट पर होनी चाहिए. चाहे 40 घंटे हो या 90 घंटे, सवाल यह है कि आप क्या आउटपुट दे रहे हैं? अगर आप घर पर परिवार या दोस्तों के साथ समय नहीं बिता रहे, पढ़ नहीं रहे या सोचने का समय नहीं है, तो सही फैसले कैसे लेंगे?
इन्वेस्टर और एंटरप्रेन्योर विनीत ने शादी में लड़की वालों की तरफ से लड़कों की हैसियत जांचने की प्रक्रिया पर अपनी राय रखी है. अपनी पोस्ट में उन्होंने कहा कि कई बार लड़की वालों की तरफ से लड़के से ऐसी उम्मीदें की जाती हैं, जो अव्यवहारिक होती हैं, जैसे हाई सैलरी, घर और कार. एक 28 साल का लड़का, जिसने बस अपना करियर शुरू किया है, वह भला यह सब कैसे करेगा? यह कोई सोचता ही नहीं.