जिन लोगों के कान की बनावट होती है ऐसी, खूब कमाते हैं धन, होते हैं लकी
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Ears Shape and luck :हाथ की रेखाएं बताती हैं, कि आपका भविष्य कैसा रहेगा. आपको जीवन में कब- कब कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा. लेकिन यहां हम बात कर रहे हैं कानों की. चौंकिये नहीं ये सत्य है. कान देखकर भी पता लगाया जा सकता है, कि आप लकी हैं या नहीं. आपकी भविष्य में धनवान बनेंगे या नहीं या फिर आपका व्यक्तित्व कैसा है.
दुनिया के हर शख्स की कान की बनावट अलग होती है. किसी के कान बड़े होते हैं, तो किसी के कान छोटे होते हैं. किसी के कानों पर अधिक बाल होते हैं, तो किसी के कान मोटे होते हैं. कानों की बनावट के हिसाब से ही शख्स का व्यक्तित्व ओर स्वभाव भी अलग होता है. कान देखकर किसी भी व्यक्ति के भविष्य के बारे में बताया जा सकता है. ज्योतिषाचार्य प्रवीण मिश्रा ने बताया कि किस प्रकार व्यक्ति के कान को देखकर उसके बारे में पता लगा सकते हैं.
Redmi A4 5G Price in India: शाओमी ने भारत में अपना नया स्मार्टफोन लॉन्च कर दिया है, जो ब्रांड का सबसे सस्ता 5G फोन है. कंपनी ने Redmi A4 5G को लॉन्च किया है, दो दमदार फीचर्स के साथ 9 हजार रुपये से कम के बजट में आता है. इसमें 50MP के मेन लेंस वाला डुअल रियर कैमरा और 5160mAh की बैटरी दी गई है. आइए जानते हैं इसकी डिटेल्स.
बीते कुछ सालों में, Artificial Intelligence ने कई sectors को revolutionize कर दिया है, और education field पर भी इसका बड़ा असर हुआ है. AI-powered technologies के development के साथ, हमारे सीखने और सिखाने के तरीके में बड़ा transformation हो रहा है. India में, जहां education system vast और diverse है, AI, students के education पाने के तरीके को नया रूप देने में बड़ा रोल निभा सकता है. आइए जानते हैं कि AI teachers भारत में education system को कैसे बदल सकते हैं, और इस बदलाव का students, teachers और पूरे देश पर क्या असर हो सकता है.
यदि आपका बच्चा पढ़ना-लिखना पसंद नहीं करता है तो ज्योतिषी प्रवीण मिश्र के उपाय का पालन कर इसे दूर कर सकते हैं. भगवान कृष्ण को मिसरी और तुलसी दल का भोग लगाकर प्रतिदिन बच्चे को खिलाएं. बच्चे के पढ़ाई के स्थान पर हरे रंग की चीजें ज्यादा रखें. बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करें. घी का दीपक जला कर आरती करें. भगवान गणेश से प्रार्थना करें.
जेेएनयू के टीचर्स एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि इससे पहले भी TISS ने मुंबई में इसी तरह की एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें प्रो. पंडित ने हिस्सा लिया था. हालांकि, पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है और यह आरोप है कि सेमिनार में दी गई प्रस्तुतियों का इस्तेमाल कुछ राजनीतिक संगठनों ने प्रवासन के पैटर्न को 'अवैध' साबित करने के लिए किया.