जातिगत जनगणना के मुद्दे की काट ढूंढ ली है मोदी ने, चुनाव में मिलेगा फायदा? | Opinion
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों अपने भाषणों में आरक्षण को लेकर कांग्रेस को जमकर घेरा है. पीएम जो तर्क दे रहे हैं उन्हें राहुल गांधी के जाति जनगणना के मुद्दे की काट के रूप में देेखा जा रहा है. क्या झारखंड और महाराष्ट्र की जनता समझेगी पीएम की बात?
हरियाणा विधानसभा चुनावों में मात खाने के बाद भी राहुल गांधी जाति जनगणना के मुद्दे पर रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. अब बीजेपी ने उनके इस अभियान से भी फायदा उठाने का मन बना लिया है. राहुल गांधी जहां जाति जनगणना के बाद उनकी संख्या के हिसाब से पिछड़े और दलितों के कल्याण की योजनाएं बनाने की बात करते हैं. वहीं बीजेपी अब यह साबित करने में लगी है कि यह उनके बीच फूट डालने की नियत से हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की सामूहिक शक्ति को कमजोर करने के लिए उनके बीच विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रही है, ताकि उनकी आवाज को दबाया जा सके और अंततः उनके लिए आरक्षण खत्म किया जा सके. उन्होंने इन समुदायों में एकता का आह्वान किया. मोदी झारखंड में ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ कार्यक्रम के तहत नमो ऐप के माध्यम से भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करते हुए कहा कि इसीलिए मैं हमेशा कहता हूं कि एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे.
1-क्या आरक्षण को खत्म करने की साजिश है कांग्रेस की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों या बीजेपी का कोई भी बड़ा नेता ,सभी आरोप लगाते हैं कि कांग्रेस हमेशा से आरक्षण की विरोधी रही है. इसके साथ ही यह भी कहते हैं कि कांग्रेस का मौका लगते ही आरक्षण को खत्म कर सकती है. भारतीय जनता पार्टी के नेता इसके लिए राहुल गांधी का विदेशी धरती पर दिए गए उस बयान की भी याद दिलाते हैं कि जब असमानता समाप्त हो जाएगी तो आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि कांग्रेस के शाही परिवार में जवाहरलाल नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक सभी नेता आरक्षण के प्रावधान के कट्टर विरोधी रहे हैं. मोदी याद दिलाते हैं कि कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में रहते हुए पंचायत से संसद तक आरक्षण के पक्ष में उठने वाली सभी आवाजों को कुचल दिया, क्योंकि तब दलित, ओबीसी और आदिवासी समाज बिखरे हुए थे.
लेकिन जब धीरे-धीरे उन्होंने समझा कि डॉ. बीआर अंबेडकर ने क्या कहा था और कई राज्यों में कांग्रेस के खिलाफ एक चुनौती पेश करने के लिए एकजुट हो गए. यही कारण है कि 1990 तक ओबीसी समाज एकजुट नहीं हो पाया था. लेकिन जब वे एकजुट हुए, तो कांग्रेस को गंभीर नुकसान हुआ. मोदी कहते हैं कि तब से कांग्रेस देश में पूर्ण बहुमत के साथ अपनी सरकार नहीं बना पाई है. आज देश में उसके पास केवल तीन राज्यों में ही सरकार है.
मोदी समझाते हैं कि कांग्रेस के शाही परिवार में इसी वजह से गुस्सा है और वे किसी तरह से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की सामूहिक शक्ति को तोड़ने का प्रयास कर रही है. मोदी कहते हैं कि कांग्रेस के गुस्से का कारण यह भी है कि जिन राज्यों में सबसे अधिक दलित, ओबीसी, आदिवासी हैं, वे भाजपा-एनडीए का शासन है. और इन राज्यों में कांग्रेस के सत्ता में आने की संभावना नहीं है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि दलित, आदिवासी और अन्य पिछड़े वर्ग सैकड़ों छोटी जातियों में बंट जाएं, बजाय इसके कि वे एकजुट रहें, ताकि वे बिखर जाएं, अपनी पहचान खो दें और एक-दूसरे से लड़ें।
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