खुद चारों ओर से घिरा इजरायल हुआ सीरिया पर हमलावर, क्यों इसके बफर जोन के पास बसा रहा यहूदी कॉलोनी?
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सीरिया में तख्तापलट के बाद वहां के राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर भाग गए. इस बीच इस देश पर विद्रोही दलों का कब्जा हो गया, लेकिन साथ ही एक और बात हुई. इजरायल ने सीरिया पर हमला कर दिया. वो यहां मौजूद हथियारों का भंडार खत्म कर रहा है, साथ ही वहां के गोलान हाइट्स पर यहूदी बसाहट भी बढ़ाने जा रहा है.
राष्ट्रपति बशर अल-असद के तख्तापलट के बाद सीरिया पर इजरायली हमले एकदम बढ़ चुके. बीते हफ्तेभर में वहां सैकड़ों हवाई हमले हो चुके. तेल अवीव का कहना है कि वो अटैक इसलिए कर रहा है ताकि मिलिट्री संसाधन चरमपंथियों के हाथ न पड़ जाएं. वो सीरिया के 80 प्रतिशत सैन्य हथियार खत्म भी कर चुका, लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती. इजरायल अपने कब्जे में आ चुके इलाके गोलान हाइट्स पर यहूदी आबादी बढ़ाने की सोच रहा है. इसके लिए कथित तौर पर 11 मिलियन डॉलर अप्रूव भी किए जा चुके.
हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) फिलहाल सीरिया में सबसे मजबूत संगठन बना हुआ है. ये वही लड़ाका दल है, जिसकी वजह से सीरियाई सरकार का तख्तापलट हुआ. सीरियाई सत्ता शून्यता की स्थिति को लेकर दुनिया में डर फैला हुआ है कि कहीं यहां वापस किसी इस्लामिक चरमपंथी समूह का कब्जा न हो जाए. इसी बीच इजरायल उसपर बमबारी करने लगा. असद के जाने के बाद से देश पर साढ़े चार सौ से ज्यादा बार हमले हो चुके.
इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि वे वहां मौजूद एडवांस मिलिट्री हथियारों को खत्म करना चाहता है ताकि वो गलत हाथों में न पड़ जाए. अपनी बात को साफ करते हुए उन्होंने कहा कि सीरिया के आंतरिक मामलों में पड़ने का उनका कोई इरादा नहीं, वे बस इतना चाहते हैं कि उनकी सुरक्षा को कोई खतरा न हो. अभियान के तहत वहां नेवी के ठिकानों पर भी अटैक हुआ. हथियार खत्म करने तक हमले अलग बात हैं, लेकिन इजरायल का यहां एक और इरादा भी है.
क्या है गोलान हाइट्स
वो सीरियाई सीमा से सटे विवादित गोलान हाइट्स पर इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना चाहता है ताकि वहां यहूदियों की कॉलोनियां बसाई जा सकें. फिलहाल यहां 30 से ज्यादा इजरायली बस्तियां हैं, जहां लगभग बीस हजार लोग बसे हुए हैं. साठ के दशक में इजरायल और मध्यपूर्वी देशों के बीच हुई जंग में इजरायल ने गोलान पर कब्जा कर लिया था. इसका एक बड़ा हिस्सा अब भी उसके काबू में हैं. यहीं पर इजरायली बस्तियां बनने लगीं. यहां पर यहूदियों के अलावा ड्रूज अरब भी हैं. ये वो धार्मिक आबादी है जो इजरायली कब्जे के बाद भी वहीं बनी रही.
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