खाना पकाने के बाद बचे हुए तेल का क्या करें? ICMR ने बताई जरूरी बात
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आईसीएमआर ने हाल ही में जारी दिशानिर्देशों में वनस्पति तेल या किसी भी प्रकार के तेल को 'बार-बार गर्म करने' के प्रति सावधानी बरतने की सलाह दी है. आईसीएमआर का कहना है कि ऐसा करने से तेल से हानिकारक तत्व निकलने लगते हैं जो कैंसर और हार्ट अटैक जैसी बीमारियां का खतरा बढ़ा सकते हैं.
अक्सर ऐसा होता है कि हम खाना बनाते वक्त बचे हुए तेल का इस्तेमाल तब तक करते रहते हैं जब कि वो पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता. लेकिन यह आपके लिए हानिकारक हो सकता है.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने हाल ही में जारी दिशानिर्देशों में वनस्पति तेल या किसी भी प्रकार के तेल को 'बार-बार गर्म करने' के प्रति सावधानी बरतने की सलाह दी है. चिकित्सा अनुसंधान निकाय ने कहा कि वनस्पति तेलों को बार-बार गर्म करने से उसमें जहरीले कंपाउंड पैदा हो सकते हैं जो हृदय रोग और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां का खतरा बढ़ाते हैं.
पिछले अध्ययनों से यह भी पता चला है कि कैसे खाना पकाने के तेल को दोबारा गर्म करने से उसमें से विषाक्त पदार्थ रिलीज होने लगते हैं और शरीर में फ्री रैडिकल्स भी बढ़ सकते हैं जिससे सूजन और विभिन्न क्रॉनिक डिसीस हो सकती हैं.
आईसीएमआर ने राष्ट्रीय पोषण संस्थान के साथ मिलकर अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों के लिए 17 नए आहार दिशानिर्देश जारी किए ताकि उन्हें बेहतर भोजन विकल्प चुनने में मदद मिल सके. दिशानिर्देशों का उद्देश्य भारतीयों को अपना स्वास्थ्य अच्छा रखने और सभी प्रकार के कुपोषण को रोकने के लिए भोजन के स्वस्थ विकल्प की सिफारिशें प्रदान करना है.
बार-बार तेल गर्म करने से कैंसर, हृदय रोग हो सकता है दिशानिर्देशों में कहा गया है कि खाना पकाने के लिए वनस्पति तेलों का बार-बार इस्तेमाल करने का चलन घरों और बाहर खाद्य पदार्थ बनाने वाले वेन्यू, दोनों ही जगह बहुत आम है.
रिपोर्ट के अनुसार, वनस्पति तेलों/वसा को बार-बार गर्म करने से ऐसे यौगिकों का निर्माण होता है जो हानिकारक/विषाक्त होते हैं और हृदय रोगों और कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं. उच्च तापमान पर तेल में मौजूद कुछ वसा ट्रांस वसा में बदल जाते हैं. ट्रांस वसा एक हानिकारक वसा है जो हृदय रोग के खतरे को बढ़ाते हैं. जब तेलों का दोबारा उपयोग किया जाता है तो ट्रांस वसा की मात्रा बढ़ जाती है.
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