क्या ऑनलाइन सिस्टम से लगेगी NEET पेपर लीक पर लगाम? एक्सपर्ट्स से समझें पॉजिटिव-नेगेटिव पॉइंट्स
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हाल ही में हुई पेपर लीक की घटनाओं के मद्देनजर एनटीए ने UGC NET- Joint CSIR UGC NET 2024 स्थगित परीक्षाओं को ऑनलाइन मोड में कराने का फैसला किया है. ये दोनों ही परीक्षाएं पहले की तरह पेन और पेपर मोड के बजाय कंप्यूटर आधारित टेस्ट मोड में आयोजित की जाएंगी.
भारतीय शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव हो सकता है. सरकार, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित की जाने वाली नीट परीक्षा को कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) मोड में कराने पर विचार कर रही है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह पेपर लीक और नकल जैसी चीजों को रोकने में कारगर साबित हो सकता है.
इस साल हुई नीट परीक्षा में धांधली, पेपर लीक, नकल और फर्जी परीक्षार्थी जैसे मामले सामने आए हैं. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच में भी इन बातों के सबूत मिले हैं. इन मुद्दों की वजह से पूरे देश में 24 लाख छात्रों का भविष्य भी अधर में है. परीक्षा में नकल और पेपर लीक जैसी समस्याओं से निपटने के लिए नीट परीक्षा को सीबीटी मोड में कराने की चर्चा लंबे समय से चल रही है. अगर ऐसा होता है तो इसके फायदे और नुकसान दोनों हो सकते हैं.
साल 2017 से ऑफलाइन मोड में हो रहा NEET एग्जाम
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. यह उन छात्रों के लिए होती है जो अंडरग्रेजुएट मेडिकल (एमबीबीएस) और डेंटल (बीडीएस) कोर्स करना चाहते हैं. साल 2017 से अब तक ये परीक्षा ऑफलाइन (पेन और पेपर आधारित) मोड में ही हो रही है. यह परीक्षा 2017 से ऑफलाइन (पेन और पेपर आधारित) मोड में आयोजित की जा रही है, क्योंकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इसे ऑनलाइन कराने के सुझाव से सहमत नहीं था.
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ऑनलाइन NEET पर विचार-विमर्श क्यों?
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