केवल छत खोलकर झूमने के लिए नहीं होते सनरूफ! जानिए इस फीचर से जुड़े हर सवाल का जवाब
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क्या आप जानते हैं कि, सनरूफ को कारों में शामिल करने का मुख्य आधार क्या था? ऐसा माना जाता है कि, सनरूफ का चलन उन देशों में पहले शुरू हुआ जहां पर लोग ड्राइविंग के दौरान पर्याप्त मात्रा में सूर्य की रोशनी नहीं प्राप्त कर पाते थें.
आज के समय में कार में सनरूफ का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है. शुरुआती दौर में ये फीचर महंगी और लग्जरी कारों में ही देखने को मिलता था, लेकिन अब 10 लाख रुपये से भी कम कीमत में ये फीचर आसानी से उपलब्ध है. सनरूफ को खोलकर झुमते हुए बाहर निकलना और तेज रफ्तार हवा से में बाहें फैलाना लोगों को काफी आकर्षित करता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस फीचर का सही मायनों में क्या उपयोग है? दरअसल, बॉलीवुड की फिल्मों में दिखाए जाने वाले दृश्यों से प्रेरित होकर ज्यादातर लोग ऐसा करते हैं, लेकिन असल बात ये है कि छत खोलकर झूमने के लिए सनरूफ नहीं होते हैं.
सनरूफ न केवल कार के लुक को बेहतर बनाता है बल्कि इससे कार के केबिन को भी एयरी (हवादार) बनाने में काफी मदद मिलती है. इससे पहले कि, हम आपको सनरूफ के सही उपयोग के बारे में बताएं, आइये जान लेते हैं कि कार की छत पर दिए जाने वाला ग्लॉस का ये पैनल कितने तरह का होता है.
रेगुलर सनरूफ:
रेगुलर सनरूफ में रिट्रैक्टेबल (अंदर-बाहर) होने वाले ग्लॉस लगे होते हैं. इसे इलेक्ट्रिकली ऑपरेट किया जाता है. ये आमतौर इस समय के तकरीबन हर सनरूफ वाले वाहनों में देखने को मिलता है. इसमें एक टिंटेड शेड भी दिया जाता है, जो कि तेज धूप में आपकी कार के केबिन को गर्म होने से बचाता है. ये शेड एक बारीक नेट वाले कपड़े के बने होते हैं, जो कि एयर वेंटिलेशन रखते हुए छाया प्रदान करते हैं. रेगुलर सनरूफ कार के फ्रंट सीट को रूप एरिया को कवर करता है.
पैनोरमिक सनरूफ:
इस सनरूफ को आजकल खूब पसंद किया जा रहा है, ज्यादातर हाईएंड कारों में ये फीचर मिलते हैं। आकार में इस सनरूफ का ग्लॉस बड़ा होता है, जो कि कार के पिछले सीट से लेकर फ्रंट सीट के रूफ को कवर करता है. इसमें कई पैनल दिए जाते हैं, ये फिक्स भी हो सकते हैं और ऑपरेट करने वाले भी. दिन और रात दोनों समय ये आपको कार के भीतर से नजारों का मजा लेने का मौका देता है. दिलचस्प बात ये है कि, ये आगे और पीछे दोनों तरफ से खुलता है.
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