कभी गांधी, कभी मुसलमान... चुनाव आते ही क्यों शुरू हो जाती है भड़काऊ बयानबाजी?
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जैसे-जैसे 5 राज्यों के चुनाव की तारीखें नजदीक आ रहीं हैं, वैसे-वैसे भड़काऊ बयानबाजी भी तेज हो गई है. कभी धर्म संसद में महात्मा गांधी और मुसलमानों से जुड़ी विवादित बातें कहीं जा रहीं हैं, तो कोई मुसलमानों को ज्यादा बच्चे पैदा करने की सलाह दे रहा है.
पांच राज्यों में चुनाव होने वाले हैं. रैलियों के दौर में बयानबाजियां तो हो ही रही हैं धर्म संसद और दूसरे समारोहों में उगली जा रही 'आग' सुर्खियों में है. मुसलमानों के साथ महात्मा गांधी निशाने पर आ गए हैं. कोई घर वापसी की बात कर रहा तो कोई ज्यादा बच्चे पैदा करने की, कुछ हथियार उठाने की वकालत कर रहे हैं. सड़क पर नमाज को गुनाह की श्रेणी में लाने की कोशिश जारी है. चर्चों को धर्मांतरण के अड्डे घोषित कर कई जगह हमले हुए हैं. हिंदू और मुसलमान दोनों को समझाया जा रहा है कि धर्म खतरे में है. ऐसी घटनाओं से तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसा क्या है कि चुनाव के आते हैं ऐसे वाकये बढ़ जाते हैं? कहीं यह साजिश तो नहीं?
महाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.