![उत्तर प्रदेश में मतदान कम, नेताओं के दावे बड़े, क्या कहते हैं चुनाव आयोग के आंकड़े?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/video/202404/thumbnail-original_415.jpg)
उत्तर प्रदेश में मतदान कम, नेताओं के दावे बड़े, क्या कहते हैं चुनाव आयोग के आंकड़े?
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उत्तर प्रदेश में मतदान कम हुआ है, जैसा कि आंकड़ों से पता चलता है. चुनाव आयोग के अनुसार, वोटिंग कम हुई है, लेकिन इसके बावजूद, नेताओं के दावे बढ़ गए हैं. उत्तर प्रदेश, जहां देश की सबसे अधिक सीटें हैं, वहां आठ सीटों पर मतदान हुआ है. यहीं नहीं, योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नए रिकॉर्ड बनने की संभावना है. इसके अलावा, मोदी सरकार की वापसी की उम्मीदों का दावा भी किया गया है.
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दशकों की गुलामी से आजाद हुआ भारत अपने पैरों पर खड़ा होने की कोशिश कर रहा था. ऐसी स्थिति में भारत की उम्मीद भरी नजरें अमेरिका की तरफ थी. 1949 में प्रधानमंत्री नेहरू पहली बार अमेरिका के दौरे पर गए. भारत को आस थी कि दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क उनकी मदद करेगा लेकिन अमेरिका की ट्रूमैन सरकार को इसमें कोई खास दिलचस्पी नहीं थी.
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महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री का बेटा अपने दोस्तों के साथ चार्टर्ड फ्लाइट (chartered flight) से बैंकॉक (Bangkok) जा रहा था, लेकिन इस बारे में परिजनों को नहीं बताया था. इसके बाद पूर्व मंत्री ने फ्लाइट को आधे रास्ते से ही पुणे वापस बुलवा लिया. इस पूरे मामले में न केवल पुलिस बल्कि एविएशन अथॉरिटी तक को शामिल होना पड़ा.
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मणिपुर सहित पूरे उत्तर-पूर्व में जातीय संघर्ष बेहद जटिल और गहराई से जड़ें जमाए हुए हैं. न तो बिरेन सिंह का इस्तीफा, न कोई नया मुख्यमंत्री और न ही केंद्र का सीधा हस्तक्षेप इस समस्या का कोई आसान समाधान निकाल सकता है. जब तक राज्य के हर जातीय, धार्मिक और भाषाई समुदाय की अपनी अलग पहचान को बनाए रखने की मानसिकता कायम रहेगी तब स्थाई शांति की बीत बेमानी ही होगी.
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