'ईमानदारी से कहूंगा, संघर्ष चाहे यूक्रेन में हो या पश्चिम एशिया में असर तो पड़ता है', जयशंकर ने जताई चिंता
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि किसी भी पड़ोसी की तरह भारत भी निश्चित रूप से पड़ोसी से अच्छे संबंध रखना चाहता है, लेकिन सीमा पार आतंकवाद को नजरअंदाज करके ऐसा नहीं हो सकता, जैसा कि सरदार पटेल ने दिखाया था. उन्होंने कहा कि यथार्थवाद हमारी नीति का आधार होना चाहिए.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिल्ली में आईसी सेंटर फॉर गवर्नेंस द्वारा आयोजित सरदार पटेल व्याख्यान में शिरकत की और अपने आगामी पाकिस्तान दौरे का भी जिक्र किया. उन्होंने ईरान- लेबनान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष पर भी चिंता जताई.
विदेश मंत्री ने कहा कि मध्य पूर्व के हालात वाकई में चिंताजनक हैं जिसका असर हम पर भी पड़ेगा. उन्होंने कहा कि मैं आज ईमानदारी से कहूंगा, चाहे वह यूक्रेन में संघर्ष हो या मध्य पूर्व पश्चिम एशिया में संघर्ष, ये अस्थिरता के बड़े कारक हैं, चिंता के बड़े कारक हैं. मुझे लगता है कि भारत सहित पूरी दुनिया इसके बारे में चिंतित हैं.
मध्य पूर्व को लेकर दिया ये बयान
विदेश मंत्री ने कहा, "मध्य पूर्व अब अवसर नहीं, बल्कि गहरी चिंता और चिंता का कारण बन गया है. यहां के संघर्ष बढ़ते जा रहे हैं - पहले आतंकवादी हमले, फिर इसके जवाब में कार्रवाई, और फिर गाजा में जो हुआ, वह बहुत ही चिंताजनक है. अब यह संघर्ष लेबनान में इजरायल और ईरान के बीच देखा जा रहा है, और हूती लाल सागर में गोलीबारी कर रहे हैं. इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, और किसी न किसी रूप में आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो रही है. वैश्वीकरण के युग में, किसी भी स्थान पर संघर्ष पूरे विश्व में समस्याएं पैदा कर सकता है.इसलिए, यह आवश्यक है कि विश्व समुदाय मिलकर संघर्षों के समाधान के लिए काम करे."
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सरदार पटेल का किया जिक्र
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