इस देश के राष्ट्रपति को फौज ने लिया हिरासत में, सरकार भंग करने का किया ऐलान
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कर्नल ममादी डोंबोया ने कहा, 'हम अब राजनीति एक आदमी को नहीं सौंपेंगे, हम इसे लोगों को सौंपेंगे. संविधान भी भंग किया जाएगा और जमीनी सीमाएं एक सप्ताह के लिए बंद कर दी गई हैं.
कोनाक्री (गिनी): पश्चिम अफ्रीकी देश गिनी की फौज ने रविवार को राष्ट्रपति भवन के पास भारी गोलीबारी के कुछ घंटों बाद राष्ट्रपति अल्फा कोंडे को हिरासत में ले लिया और फिर सरकारी टेलीविजन पर सरकार को भंग करने का ऐलान किया. विद्रोही सैनिकों ने अपने कब्जे के ऐलान के बाद देश में लोकतंत्र बहाली का संकल्प जाहिर किया और खुद को ‘द नेशनल कमेटी ऑफ गैदरिंग एंड डवेलपमेंट’ नाम दिया. कर्नल ममादी डोंबोया ने कहा, 'हम अब राजनीति एक आदमी को नहीं सौंपेंगे, हम इसे लोगों को सौंपेंगे. संविधान भी भंग किया जाएगा और जमीनी सीमाएं एक सप्ताह के लिए बंद कर दी गई हैं.' इससे पहले गिनी की राजधानी कोनाक्री में रविवार तड़के राष्ट्रपति भवन के पास भारी गोलीबारी हुई, जो कई घंटों तक जारी रही.इजरायल और हमास के बीच सीजफायर पर सहमति बनी है. रिपोर्ट्स की मानें तो दोनों पक्ष युद्धविराम और बंधक समझौते को फाइनल कर चुके हैं. शुक्रवार को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक्स पर लिखा, वार्ता दल ने पीएम को बताया कि बंधकों की रिहाई के लिए समझौते पर सहमति बन गई है. इस बारे में बंधकों के परिवार को जानकारी दे दी गई है.
ब्रिटिश सरकार ने बृहस्पतिवार को इजरायल और हमास के बीच 'बहु प्रतीक्षित' युद्धविराम समझौते का स्वागत किया. हालांकि दोनों पक्ष अनिश्चितताओं से भरे इस समझौते को अंतिम रूप देने में लगे हैं, जिसमें फलस्तीनी कैदियों के बदले इजरायली बंधकों की अदला-बदली और पहले चरण में गाजा से इजरायली सैनिकों की वापसी की शुरुआत शामिल होने की उम्मीद है.
बांग्लादेश के विदेश सचिव मोहम्मद जशीम उद्दीन ने रविवार को विदेश मंत्रालय में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा के साथ बैठक के दौरान हाल के सीमा तनाव को लेकर बांग्लादेश की ओर से 'गहरी चिंता' जताई. सरकारी समाचार एजेंसी 'BSS' ने पहले अपनी खबर में बताया था कि वर्मा को विदेश मंत्रालय ने सीमा पर बढ़ते तनाव पर चर्चा करने के लिए 'तलब' किया था.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलिना जॉर्जीवा ने कहा कि स्थिर वैश्विक वृद्धि के बावजूद 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 'थोड़ा कमजोर' रहने की आशंका है. जॉर्जीवा ने कहा कि उन्हें इस साल दुनिया में मुख्य रूप से अमेरिका की व्यापार नीति को लेकर काफी अनिश्चितता नजर आने की संभावना दिख रही है.