आमिर खान की जिद पर लिखा गया था 'तारे जमीन पर' गाना, प्रसून जोशी ने खोला राज
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साहित्य आजतक 2024 में प्रसून ने अपने नए म्यूजिकल प्ले राजाधिराज के बारे में बात की. इसके अलावा उन्होंने प्यार, बच्चों, पेरेंटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अपने विचार रखे. इतना ही नहीं, प्रसून ने सेशन के दौरान फिल्म 'तारे जमीन पर' से जुड़े किस्से भी सुनाए.
गीतकार और सीबीएफसी चीफ प्रसून जोशी ने 22 नवंबर को दिल्ली में हुए साहित्य आजतक 2024 में शिरकत की. इवेंट के सेशन राजाधिराज: लव, लाइफ एंड लीला नाम के दौरान प्रसून जोशी ने अपने नए म्यूजिकल प्ले राजाधिराज के बारे में बात की. इसके अलावा उन्होंने प्यार, बच्चों, पेरेंटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अपने विचार रखे. इतना ही नहीं, प्रसून ने सेशन के दौरान फिल्म 'तारे जमीन पर' से जुड़े किस्से भी सुनाए.
आमिर ने दिया था चैलेंज
प्रसून जोशी ने आमिर खान की फिल्म 'तारे जमीन पर' के लिए कई गाने लिखे थे. इसमें से 'मां' को सबसे ज्यादा प्यार दिया गया. इसके अलावा 'तारे जमीन पर' का टाइटल ट्रैक गाना भी प्रसून ने ही लिखा था. इसे लेकर उन्होंने बताया, 'मुझे चैलेंज दिया था आमिर खान साहब ने कि ये गाना नॉन स्टॉप होना चाहिए. तो मैंने कहा था कि नहीं आप निकाल देंगे बाकी का गाना. उन्होंने वादा किया था कि नहीं, नहीं निकालेंगे. तो आप देखेंगे कि ये गाना चलता ही जाता है. जैसे बच्चों के बारे में बातें आप करते ही जाते हैं. गाने के बोल देखिए- देखो इन्हें ये हैं ओस की बूंदें, पत्तों की गोद में आसमां से कूदें. अंगड़ाई लें फिर करवट बदल कर, नाजुक से मोती हंस दें फिसल कर.'
प्रसून ने 'मां' गाने को लिखने का किस्सा भी सेशन के दौरान सुनाया. उन्होंने बताया, 'मैं तारे जमीन पर का मां गाना लिख रहा था. मैं काफी समय तक स्ट्रगल करता रहा कि मैं ऐसा क्या लिखूं जो लोगों तक पहुंचे. आपको आश्चर्य होगा ये जानकर कि आपको लगता है कि जो भावनाएं आप महसूस कर रहे हैं, वो आपको ही महसूस हो रही है. लेकिन वो एक ही वक्त पर बहुत लोगों को महसूस हो रही है.' उन्होंने कहा कि उन्हें लगा था इस गाने में उन्होंने अपनी भावनाएं लिखी हैं तो कोई इससे कैसे जुड़ पाएगा. लेकिन इस गाने ने दर्शकों के दिल में खास जगह बनाई.
बच्चों की परवरिश पर बोले प्रसून
आजकल के कंटेंट और बच्चों की परवरिश पर भी प्रसून जोशी ने बात की. उन्होंने कहा, 'आजकल हम जो कंटेंट परोस रहे हैं, चखकर नहीं परोस रहे हैं. चखना जरूरी है. हमारे आज के युग के बच्चों का अभिभावक कंटेंट है. आप देखेंगे कि 2 महीने का बच्चा फोन के सामने बैठा है. अपनी पेरेंटिंग की जिम्मेदारी अगर माता-पिता कंटेंट पर छोड़ रहे हैं तो ये मेरी नजरों में बहुत खतरनाक चीज है. हम भूल रहे हैं कि तकनीक जो आपकी जिंदगी में घुस आई है, आप सोच रहे हैं कि हम क्या कर सकते हैं. बहुत कुछ कर सकते हैं आप. आप बच्चे की परवरिश की जिम्मेदारी स्वयं लें. स्क्रीन और तकनीक पर न छोड़ें.'
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