आपका टीन-एज बच्चा तनाव में तो नहीं? ऐसे पहचानें, जानिए- कब लेनी है डॉक्टर से मदद
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लॉकडाउन के लंबे समय से जूझते हुए कहीं आपका किशोरवय बच्चा तनाव से तो नहीं घिर गया है. पुर्नवास और किशोर मनोविज्ञान विशेषज्ञ डॉ. नीरजा अग्रवाल किशोर और युवाओं के भावनात्मक और व्यवहारिक स्वास्थ्य पर लघु और दीर्घकालीन अध्ययन कर चुकी हैं. आइए उनसे जानें- कैसे करें पहचान...
कोरोना काल में किशोरों की लाइफस्टाइल पूरी तरह बदल गई है. इस माहौल ने उनमें मानसिक बदलाव भी किए हैं. कुछ किशोर व्यवहार में बहुत आक्रामक हो गए हैं, कुछ युवाओं के व्यवहार गंभीर ओसीडी (अब्सेसिव कंपलसिव डिस्आर्डर) का असर दिख रहा है क्योंकि उन्हें बाहर आने-जाने की मनाही है. घर पर भी नियमित दिनचर्या नहीं है, इसलिए मोबाइल स्क्रीन पर औसतन बिताए जाने वाले समय की अवधि बढ़ रही है. स्क्रीन टाइम बढ़ने से एकाग्रता और ध्यान की कमी आदि समस्या भी बढ़ी है. आइए जानें कि किशोरों में तनाव की समस्या कैसे पहचान सकते हैं. पुर्नवास और किशोर मनोविज्ञान विशेषज्ञ डॉ. नीरजा अग्रवाल किशोर और युवाओं के भावनात्मक और व्यवहारिक स्वास्थ्य पर लघु और दीर्घकालीन अध्ययन कर चुकी हैं. डॉ नीरजा कहती हैं कि यह समय सभी के लिए मुश्किल रहा है. हम सभी शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी का सामना कर रहे हैं. किशोर भी इस समस्या से अछूते नही हैं. परिस्थितियों के साथ सामंजस्य करना उनके लिए भी मुश्किल हो रहा है, इसका असर उनकी नियमित दिनचर्या पर पड़ रहा है. जैसे कि या तो वो बहुत अधिक खा रहे हैं या बिल्कुल भी नहीं. डॉ नीरजा कहती हैं कि कुछ युवाओं के व्यवहार में गंभीर ओसीडी (अब्सेसिव कंपलसिव डिस्आर्डर) का असर दिख रहा है क्योंकि उन्हें बाहर आने जाने की मनाही है. घर पर भी नियमित दिनचर्या नहीं है, इसलिए मोबाइल स्क्रीन पर औसतन बिताए जाने वाले समय की अवधि बढ़ रही है. स्क्रीन टाइम बढ़ने से एकाग्रता और ध्यान की कमी आदि समस्या भी बढ़ी हैं. जिन परिवारों में किसी अपने प्रियजन को खोया उनमें यह दिक्कत अधिक बढ़ गई और ऐसी स्थिति से उपजे तनाव का मुकाबला करना अधिक मुश्किल हो जाता है.Redmi A4 5G Price in India: शाओमी ने भारत में अपना नया स्मार्टफोन लॉन्च कर दिया है, जो ब्रांड का सबसे सस्ता 5G फोन है. कंपनी ने Redmi A4 5G को लॉन्च किया है, दो दमदार फीचर्स के साथ 9 हजार रुपये से कम के बजट में आता है. इसमें 50MP के मेन लेंस वाला डुअल रियर कैमरा और 5160mAh की बैटरी दी गई है. आइए जानते हैं इसकी डिटेल्स.
बीते कुछ सालों में, Artificial Intelligence ने कई sectors को revolutionize कर दिया है, और education field पर भी इसका बड़ा असर हुआ है. AI-powered technologies के development के साथ, हमारे सीखने और सिखाने के तरीके में बड़ा transformation हो रहा है. India में, जहां education system vast और diverse है, AI, students के education पाने के तरीके को नया रूप देने में बड़ा रोल निभा सकता है. आइए जानते हैं कि AI teachers भारत में education system को कैसे बदल सकते हैं, और इस बदलाव का students, teachers और पूरे देश पर क्या असर हो सकता है.
यदि आपका बच्चा पढ़ना-लिखना पसंद नहीं करता है तो ज्योतिषी प्रवीण मिश्र के उपाय का पालन कर इसे दूर कर सकते हैं. भगवान कृष्ण को मिसरी और तुलसी दल का भोग लगाकर प्रतिदिन बच्चे को खिलाएं. बच्चे के पढ़ाई के स्थान पर हरे रंग की चीजें ज्यादा रखें. बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करें. घी का दीपक जला कर आरती करें. भगवान गणेश से प्रार्थना करें.
जेेएनयू के टीचर्स एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि इससे पहले भी TISS ने मुंबई में इसी तरह की एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें प्रो. पंडित ने हिस्सा लिया था. हालांकि, पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है और यह आरोप है कि सेमिनार में दी गई प्रस्तुतियों का इस्तेमाल कुछ राजनीतिक संगठनों ने प्रवासन के पैटर्न को 'अवैध' साबित करने के लिए किया.