अमेरिका की नज़र में अब भारत-पाक नहीं, भारत-चीन की तुलना
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई कूटनीति पर विशेष रिपोर्ट. पहले अमेरिका भारत-पाकिस्तान के बीच संतुलन बनाता था, अब ट्रंप भारत-चीन के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रण, फोन पर पॉजिटिव बातचीत और पहले 100 दिनों में चीन यात्रा की योजना. ट्रंप की इस रणनीति का भारत पर क्या होगा असर? क्या अमेरिका अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता करेगा? विस्तृत विश्लेषण.
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद, भारत-अमेरिका संबंधों में नए युग की शुरुआत की संभावना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप की मजबूत मित्रता, जिसे 'नमस्ते ट्रंप' और 'हाउडी मोदी' जैसे कार्यक्रमों में देखा गया, फिर से चर्चा में है. . दोनों नेताओं की यह केमिस्ट्री भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती है. VIDEO
डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद कई बड़े ऐलान किए हैं. उन्होंने पनामा नहर को वापस लेने की बात कही और चीन को चेतावनी दी. साथ ही, मेक्सिको की खाड़ी का नाम बदलकर 'अमेरिका की खाड़ी' करने की घोषणा की. ट्रंप ने कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बताया और ग्रीनलैंड खरीदने की इच्छा जताई. इन बयानों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद खड़े होने की संभावना है. ट्रंप की इन नीतियों पर अमेरिका में भी मतभेद दिख रहे हैं.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दक्षिणी सीमा पर इमरजेंसी लगा दी, और सेना को आदेश दिया कि वो अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर पर कड़ी नजर रखे. ये देश का सबसे पोरस या यूं कहें कि नाजुक हिस्सा है, जहां से भारी घुसपैठ होती रही. ट्रंप ने अपने पहले टर्म में इस सीमा पर विशालकाय दीवार भी बनवानी शुरू की थी, जो कई वजहों से अधूरी छूट गई.
ट्रंप की नई पारी को लेकर भारत समेत दुनिया भर में उत्सुकता है. ट्रंप अपनी नीतियां 'अमेरिका फर्स्ट'की पॉलिसी से प्रेरित बताते हैं. सवाल है कि 'अमेरिका फर्स्ट' की पॉलिसी में ट्रंप दूसरे देशों के हितों को कितना समावेश कर पाएंगे. भारत की भी चिंता यही है. ट्रंप अपने प्रचार के दौरान भारत पर टैरिफ बढ़ाने का संकेत दे चुके हैं. इस लिहाज से ट्रंप प्रशासन से सामंजस्य बनाना भारत नीति-निर्धारकों के लिए चुनौतीपूर्ण होने जा रहा है.
डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका की सत्ता संभालते ही कई बड़े एलान किए. इन्हीं में से एक बेहद विवादित आदेश थर्ड जेंडर की मान्यता रद्द करना है. बकौल ट्रंप, अब से यूएस में सिर्फ दो जेंडर होंगे- मेल और फीमेल. ट्रंप ने तो एग्जीक्यूटिव ऑर्डर दे दिया, लेकिन इसके बाद खुद को ट्रांसजेंडर कहने वाली आबादी का क्या होगा?
डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने दिसंबर में ब्रिक्स देशों को धमकी देते हुए कहा था कि अगर ब्रिक्स देशों ने अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने का प्रयास किया तो वे उन पर 100 फीसदी टैरिफ लगा देंगे. उनकी यह धमकी ब्रिक्स गंठबंधन में शामिल देशों के लिए हैं, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं.
वॉशिंगटन डीसी की सड़कों पर दिखे ट्रंप और किम जोंग के हमशक्ल, भारत-अमेरिका के रिश्तों पर दिया ये जवाब
ट्रंप के हमशक्ल ने राष्ट्रपति की शपथ ग्रहण को लेकर कहा, 'आज जो हुआ उसके बाद मैं अमेरिका के साथ-साथ भारत और पूरी दुनिया के भविष्य को लेकर बेहद आशावादी हूं.' उनसे पूछा गया कि क्या वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसक हैं? जवाब में उन्होंने कहा, 'बिल्कुल, भारत हमारा बहुत अच्छा तकनीकी सहयोगी है.'
अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण के लिए अमेरिका में गर्मजोशी देखी जा रही है. सड़कों पर ट्रंप समर्थकों की भारी भीड़ नजर आ रही है. ट्रंप के इस शपथ ग्रहण की पूरी कवरेज के लिए आजतक की टीम भी ग्राउंड पर है. अंजना ओम कश्यप, गौरव सांवत और रोहित शर्मा अमेरिका से शपथ ग्रहण की हर पल की अपडेट दे रहे हैं.