'US की सीमाओं पर घोषित होगी नेशनल इमरजेंसी', राष्ट्रपति ट्रंप दे सकते हैं ये 10 आदेश
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ट्रंप ने चुनाव के दौरान वादा किया था कि राष्ट्रपति बनने के बाद वह अमेरिका से अवैध प्रवासियों को बड़े पैमाने पर उनके देश में डिपोर्ट करने की कार्रवाई करेंगे. नेशनल इमरजेंसी की घोषणा से अमेरिकी रक्षा विभाग को सीमा पर सेना और नेशनल गार्ड्स की तैनाती की अनुमति मिल जाएगी.
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बन गए हैं. ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि राष्ट्रपति पद संभालने के तुरंत बाद वह कुछ ऐसा करेंगे जिसे इतिहास याद रखेगा. इस बीच न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने के बाद 10 आदेश जारी कर सकते हैं, ये आदेश उन मुद्दों से जुड़े हो सकते हैं, जिनको उन्होंने अपने चुनाव अभियान के दौरान जोर-शोर से उठाया था.
इन कार्यकारी आदेशों में अमेरिका की सीमाओं पर नेशनल इमरजेंसी की घोषणा भी शामिल हो सकती है. उन्होंने चुनाव के दौरान वादा किया था कि राष्ट्रपति बनने के बाद वह अमेरिका से अवैध प्रवासियों को बड़े पैमाने पर उनके देश में डिपोर्ट करने की कार्रवाई करेंगे. नेशनल इमरजेंसी की घोषणा से अमेरिकी रक्षा विभाग को सीमा पर सेना और नेशनल गार्ड्स की तैनाती की अनुमति मिल जाएगी. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने यह बताने से इनकार कर दिया कि सीमाओं पर कितने सैनिक भेजे जाएंगे या उनके कार्यों के पैरामीटर क्या होंगे. उन्होंने कहा कि इसका फैसला रक्षा विभाग पर निर्भर करेगा.
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डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी कहा है कि वह बर्थ राइट सिटीजनशिप (जन्मसिद्ध नागरिकता) को समाप्त कर देंगे. वर्तमान में अमेरिका में पैदा हुए बच्चों को उनके माता-पिता के इमीग्रेशन स्टेटस की परवाह किए बिना नागरिकता का दावा करने का अधिकार है. एक अधिकारी ने रॉयटर्स से कहा- ट्रंप 'पकड़ो और छोड़ो' प्रथा को समाप्त करने का इरादा रखते हैं. उन्होंने अपने पहले कार्यकाल के दौरान ही इस प्रथा को समाप्त करने की कसम खाई थी, लेकिन डिटेंशन कैंप में जगह कम होने के कारण सीमा पार करने की कोशिश में पकड़े गए प्रवासियों को रिहा कर दिया गया था.
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन 'रिमेन इन मेक्सिको' पॉलिसी भी बहाल करेगा. इस पॉलिसी के कारण डोनाल्ड ट्रंप को अपले पहले कार्यकाल में अवैध प्रवासियों को मेक्सिको के रास्ते अमेरिका में प्रवेश करने से रोकने में सफलता मिली थी. सिर्फ उन्हीं प्रवासियों को अमेरिका में एंट्री मिलती थी, जिनके पास 'अपॉइंटमेंट ऑफ एसाइलम' होता था. अधिकारी ने यह नहीं बताया कि क्या मेक्सिको इस सहमत है. अधिकारी ने यह भी कहा कि ट्रंप प्रशासन अमेरिका की मेक्सिको से लगने वाली सीमा पर दीवार का निर्माण जारी रखेगा और शरणार्थियों के पुनर्वास को कम से कम चार महीने के लिए निलंबित कर देगा.
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अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने चीन के विस्तारवाद को रोकने की बड़ी चुनौती है. ट्रंप की टीम का मानना है कि चीन को काबू करने के लिए भारत को साथ लेना होगा. ट्रंप ने अप्रैल में भारत और चीन की यात्रा की इच्छा जताई है. उनकी टीम में कई भारतवंशी और हिंदू शामिल हैं, जो भारत के पक्ष में नीतियां बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. VIDEO
अब से कुछ घंटे बाद डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. डोनाल्ड ट्रंप ने अपने शपथ ग्रहण से पहले साफ कर दिया है वह राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करते ही 100 महत्वपूर्ण फाइलों पर साइन करेंगे. हालांकि, उन्होंने पहले ही साफ कर दिया है कि वह बॉर्डर को मजबूत करेंगे. जैसा की उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में किया था.
आज यानी 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वे राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे. अमेरिका के रहवासियों में ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर गजब का उत्साह दिखाई दे रहा है. शपथ समारोह को देखते हुए वॉशिंगटन डीसी के कैपिटल हिल में सुरक्षा बेहद सख्त है. दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के इतिहास का सबसे बड़ा शपथग्रहण समारोह आज रात 10.30 बजे (भारतीय समय) होने वाला है.
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले वॉशिंगटन डीसी में कड़ा पहरा है. पुलिसकर्मियों की गाड़ियां लगातार पूरे इलाके की रेकी कर रही हैं. सबसे कड़ा पहरा कैपिटल हिल बिल्डिंग के बाहर है, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह होना है. इस बीच आज तक की टीम वॉशिंगटन डीसी में तैनात है. पढ़िए, रोहित शर्मा की ग्राउंड रिपोर्ट...
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के भारतीय अमेरिकी समुदाय के लिए क्या मायने हैं? इस सवाल के जवाब में लंबे समय से अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के एक शख्स ने बताया कि हमारे ख्याल से आज हिंदू जाग गया है और हिंदुओं ने ट्रंप को वोट किया है. अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर भारत के डॉक्टर, इंजीनियर और आईटी प्रोफेशनल का बहुत योगदान रहा है. हम चाहते हैं कि भारत और अमेरिका के संबंध अच्छे बने रहे.
बैठक में संयुक्त राष्ट्र, वैश्विक आतंकवाद निरोधक मंच (GCTF) और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) जैसे बहुपक्षीय मंचों में आपसी सहयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया. साथ ही वर्तमान द्विपक्षीय समझौतों की प्रगति की भी समीक्षा की गई, जिसमें दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने पर प्रकाश डाला गया.