Zepto Story: आज 4454 करोड़ का रेवेन्यू... कभी पढ़ाई छोड़कर दो दोस्तों ने शुरू की थी कंपनी!
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Zepto का शुद्ध घाटा 2% घटकर वित्त वर्ष 24 में 1,248.64 करोड़ रुपये रहा, जबकि वित्त वर्ष 23 में यह 1,271.84 करोड़ रुपये था. रेवेन्यू प्रतिशत के रूप में घाटा वित्त वर्ष 23 में 63% से घटकर वित्त वर्ष 24 में 28% हो गया. रेवेन्यू में बढ़ोतरी के साथ ही कंपनी के मार्केटिंग में ज्यादा पैसे लगाने से इसका खर्च भी बढ़ा है.
क्विक कॉमर्स कंपनी जेप्टो ने कमाल कर दिया है. उसने वित्त वर्ष 2024 का डाटा जारी किया है, जिसमें कंपनी का रेवेन्यू लगभग 120% बढ़ा है. वित्त वर्ष 2023 में Zepto का रेवेन्यू 2,026 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 24 में बढ़कर 4,455 करोड़ रुपये हो गया. कंपनी का मानना है कि रेवेन्यू में तगड़ी उछाल की वजह कटमर्स को 10 मिनट में डिलीवरी की सुविधा देना है. कंपनी का रेवेन्यू बढ़ने से कंपनी का घाटा भी कम हुआ है.
Zepto का शुद्ध घाटा 2% घटकर वित्त वर्ष 24 में 1,248.64 करोड़ रुपये रहा, जबकि वित्त वर्ष 23 में यह 1,271.84 करोड़ रुपये था. नतीजतन, रेवेन्यू प्रतिशत के रूप में घाटा वित्त वर्ष 23 में 63% से घटकर वित्त वर्ष 24 में 28% हो गया. रेवेन्यू में बढ़ोतरी के साथ ही कंपनी के मार्केटिंग में ज्यादा पैसे लगाने से इसका खर्च भी बढ़ा है. वित्त वर्ष 2023 में यह खर्च 3,350 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2024 में 5,747 करोड़ रुपये हो गया. आज Zepto क्विक कॉमर्स में से एक बड़ी कंपनी बन गई है, लेकिन क्या अपको पता है इसकी शुरुआत कब और कैसे हुई थी?
दो दोस्तों ने की थी कंपनी की शुरुआत कैवल्य और आदित दोनों स्कूल से लेकर कॉलेज तक साथ में पढ़े थे. एंटरप्रेन्योर बनने की ख्वाहिश के साथ दोनों ने अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था, लेकिन अपने सपनों को पूरा करने के लिए वे वहां से पढ़ाई छोड़कर वापस देश आ गए. मुंबई लौटने के बाद दोनों स्टॉर्टअप शुरू करना चाहते थे. एक बार उन्होंने ऑनलाइन फूड ऐप से खाना ऑर्डर किया. यह फूड 10 मिनट में उनके पास पहुंच गया. बस यहीं से उन्हें जेप्टो का आइडिया मिला. फिर उन्होंने सोचा कि जब 10 मिनट में खाना पहुंच सकता है तो ग्रॉसरी क्यों नहीं? फिर अप्रैल 2021 में आदित और उनके दोस्त कैवल्य वोहरा ने ग्रॉसरी डिलीवरी के लिए वेब प्लेटफॉर्म जेप्टो की शुरुआत की.
2023 में कंपनी बनी थी यूनिकॉर्न कैवल्य वोहरा (Kaivalya Vohra) और आदित पालिचा ( Aadit Palicha) ने जेप्टो की शुरुआत के बाद से इसकी खूब मार्केटिंग की और देश के अलग-अलग मेट्रो सिटी तक पहुंचाया. जिसका असर ये हुआ कि ये कंपनी साल 2023 की पहली यूनिकॉर्न कंपनी बनी. उसके बाद ये कंपनी क्विक कॉमर्स में एक मेजर फर्म के रूप में उभर गई और आज इसकी मार्केट वैल्यू 5 अरब डॉलर यानी 41965 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
IPO लाने का प्लान आदित पालिचा ने 2025 में आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) की संभावना के बारे में आशा व्यक्त की है. नवंबर में Zepto ने मोतीलाल ओसवाल द्वारा सर्पोटिव एक दौर में भारतीय HNI, प्रमुख वित्तीय संस्थानों और पारिवारिक कार्यालयों जैसे प्रमुख घरेलू निवेशकों से $350 मिलियन की फंडिंग प्राप्त की थी. पलिचा के अनुसार, फंडिंग दौर का उद्देश्य 2025 में संभावित IPO लाने से पहले घरेलू स्वामित्व को मजबूत करना था.
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Zepto का शुद्ध घाटा 2% घटकर वित्त वर्ष 24 में 1,248.64 करोड़ रुपये रहा, जबकि वित्त वर्ष 23 में यह 1,271.84 करोड़ रुपये था. रेवेन्यू प्रतिशत के रूप में घाटा वित्त वर्ष 23 में 63% से घटकर वित्त वर्ष 24 में 28% हो गया. रेवेन्यू में बढ़ोतरी के साथ ही कंपनी के मार्केटिंग में ज्यादा पैसे लगाने से इसका खर्च भी बढ़ा है.
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