Weather Forecast: उफान पर नदियां, बद्रीनाथ हाईवे बंद, झारखंड में भी भारी बारिश का अलर्ट
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IMD Weather Latest Updates: देश के अन्य राज्यों की तरह उत्तराखंड में भी इन दिनों कुदरत का कहर बरप रहा है. बारिश और चट्टानें खिसकने से स्थानीय नागरिकों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. चमोली में नदियां नाले फिर से उफान पर हैं. बद्रीनाथ हाईवे को बंद कर दिया गया है.
IMD Weather Forecast Latest Updates: बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव का क्षेत्र और गहरा गया है. यही वजह है कि उड़ीसा, छत्तीसगढ़ में भारी बारिश देखने को मिल रही है. मौसम विभाग के मुताबिक दबाव का असर बुधवार को झारखंड में भी देखने को मिल सकता है. लेकिन अगले 24 घंटे में इसका असर कमजोर पड़ने लगेगा. रांची मौसम विभाग के बुलेटिन के अनुसार 14 और 15 सितंबर को राज्य के अधिकांश जिलों में भारी बारिश के आसार हैं. 14/09/2021: 14:55 IST; Thunderstorms with light to moderate intensity rain would occur over and adjoining areas of Aurangabad, Palwal (Haryana) and light to moderate intensity rain over Mathura, Sadabad, Jahangirabad, Atrauli (U.P) and Mehndipur(Rajasthan) during the next 2 hours
NCP के प्रवक्ता महेश चव्हाण ने हाल ही में EVM पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति EVM पर संदेह नहीं कर रहा है, तो वो राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने इस मुद्दे पर राजनीतिक विश्लेषक आशुतोष से चर्चा करते हुए EVM के हैक होने की संभावना को लेकर भी बातें कीं. आशुतोष ने इस संबंध में महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए. EVM की सुरक्षा और पारदर्शिता पर इस चर्चा से राजनीतिक गलियारों में नई हलचल देखने को मिल रही है.
हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता ने अजमेर में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को हिंदू पूजा स्थल होने की याचिका कोर्ट में दायर की थी. याचिका पर बुधवार को अजमेर पश्चिम सिविल जज सीनियर डिविजन मनमोहन चंदेल की कोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान वादी विष्णु गुप्ता के वाद पर न्यायाधीश मनमोहन चंदेल ने संज्ञान लेते हुए दरगाह कमेटी ,अल्पसंख्यक मामलात व एएसआई को समन नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.
कुछ तो मजबूरियां रही होंगी , वरना एकनाथ शिंदे यूं ही नहीं छोड़ने वाले थे महाराष्ट्र के सीएम की कुर्सी का मोह. जिस तरह एकनाथ शिंदे ने सीएम पद के लिए अचानक आज सरेंडर किया वह यू्ं ही नहीं है. उसके पीछे उनकी 3 राजनीतिक मजबूरियां तो स्पष्ट दिखाई देती हैं. यह अच्छा है कि समय रहते ही उन्होंने अपना भविष्य देख लिया.
उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) सरकार ने कार्यालय में 45 दिन पूरे कर लिए हैं, मुख्यमंत्री, मंत्री अभी भी अपने अधिकार, विभिन्न विभागों के कामकाज के संचालन के लिए निर्णय लेने की शक्तियों से अनभिज्ञ हैं, शासन की संरचना पर स्पष्टता लाने के लिए, गृह मंत्रालय जल्द ही जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार की शक्तियों को परिभाषित करेगा.