अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा, कोर्ट ने याचिका मंजूर कर सभी पक्षकारों को भेजा नोटिस
AajTak
हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता ने अजमेर में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को हिंदू पूजा स्थल होने की याचिका कोर्ट में दायर की थी. याचिका पर बुधवार को अजमेर पश्चिम सिविल जज सीनियर डिविजन मनमोहन चंदेल की कोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान वादी विष्णु गुप्ता के वाद पर न्यायाधीश मनमोहन चंदेल ने संज्ञान लेते हुए दरगाह कमेटी ,अल्पसंख्यक मामलात व एएसआई को समन नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.
राजस्थान के अजमेर में स्थित प्रसिद्ध दरगाह को हिंदू मंदिर बताने वाली याचिका को निचली अदालत ने स्वीकार कर लिया है. कोर्ट ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए 20 दिसंबर को अगली सुनवाई की तारीख तय की है. दरअसल, हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता ने अजमेर में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को हिंदू पूजा स्थल होने की याचिका कोर्ट में दायर की थी.
याचिका पर बुधवार को अजमेर पश्चिम सिविल जज सीनियर डिविजन मनमोहन चंदेल की कोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान वादी विष्णु गुप्ता के वाद पर न्यायाधीश मनमोहन चंदेल ने संज्ञान लेते हुए दरगाह कमेटी ,अल्पसंख्यक मामलात व एएसआई को समन नोटिस जारी करने के निर्देश दिए और अगली तारीख पर पेश रहने को बुलाया.
दरगाह को हिंदू मंदिर बता रहे हिंदू संगठन
हिंदू संगठन लंबे समय से अजमेर दरगाह को मंदिर बता रहे हैं. साल 2022 में हिंदू संगठन महाराणा प्रताप सेना ने इसके मंदिर होने का दावा करते हुए तत्कालीन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इसकी जांच कराने के लिए कहा था. महराणा प्रताप सेना के पदाधिकारियों ने एक तस्वीर भेजी थी, जिसमें अजमेर दरगाह की खिड़कियों पर स्वस्तिक के निशान होने का दावा किया गया था. संगठन के संस्थापक राजवर्धन सिंह परमार ने दावा किया था कि अजमेर दरगाह एक शिव मंदिर था जिसे दरगाह बना दिया गया.
यूपी के संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा
संभल जिले की शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था. पहले 19 नवंबर को रात में सर्वे हुआ और 24 नवंबर (रविवार) को दूसरी बार सर्वे टीम मस्जिद पहुंची. मस्जिद कमेटी की सहमति से दोनों पक्षों की मौजूदगी में सर्वे होना था, लेकिन मस्जिद के सर्वे के खिलाफ बड़ी संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. कोर्ट के आदेश पर जब सर्वे शुरू हुआ तो भीड़ ने भड़ककर पुलिस पर हमला कर दिया, पथराव किया और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया.
महेश जेठमलानी, राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील, अडानी समूह और इसके चेयरमैन गौतम अडानी के समर्थन में आए हैं. अमेरिकी आरोपों को भारतीय आर्थिक विकास में बाधा मानते हुए, उन्होंने इसे साजिश बताया. कांग्रेस को भी राजनीतिक लाभ के लिए आरोप उठाने की आलोचना की. इस मुद्दे पर उन्होंने कांग्रेस को भारत के आर्थिक हितों के खिलाफ बताया.
उद्धव ठाकरे को कट्टर हिंदुत्व की राजनीति छोड़कर नया रास्ता अख्तियार करने की भारी कीमत चुकानी पड़ी है. बीजेपी से पंगा लेना इतना महंगा पड़ा, कभी सोचा भी न होगा. लेकिन, देखते ही देखते मुख्यमंत्री की कुर्सी और पार्टी भी हाथ से फिसल गई. फर्ज कीजिये उद्धव ठाकरे राजनीतिक घर-वापसी के बारे में सोचते हैं, क्या ये मुमकिन है?
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद के लिए राजनीतिक खींचतान जारी है. आज दोपहर 3 बजे एकनाथ शिंदे ठाणे में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे, जहां से बड़े ऐलान की उम्मीद जताई जा रही है. शिंदे की प्रेस कॉन्फ्रेंस का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि इसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में संभावित बदलाव की दिशा तय हो सकती है. एकनाथ शिंदे का यह कदम पार्टी और सियासी समीकरणों के लिए कितना महत्वपूर्ण होगा, यह देखा जाना बाकी है. इस बीच जनता और राजनीतिक विश्लेषकों की नजर भी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी हुई है कि आखिरकार शिंदे किस तरह के अहम फैसले लेते हैं.