
Virat Kohli: बल्ले से फेल, बड़ी पारी भी दूर...क्या विराट कोहली को प्लेइंग-11 से बाहर करने का वक्त आ गया है?
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टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली का बल्ले से बुरा वक्त काफी लंबा खिंच गया है. पिछले करीब तीन साल से शतक का इंतज़ार हो रहा है और अब तो विराट कोहली क्रीज़ पर वक्त बिताने के लिए भी तरस रहे हैं. ऐसे में सवाल खड़े होते हैं कि क्या विराट कोहली को लेकर कोई सख्त फैसला लेना चाहिए?
आज समझ ले कल ये मौका हाथ में ना रह पाएगा ओ गफलत की नींद में सोने वाले धोखा खाएगा चढ़ता सूरज धीरे-धीरे ढलता है, ढल जाएगा... क़ैसर रत्नागिरवी की लिखी गई इस मशहूर कव्वाली को आपने ज़रूर सुना होगा, कई बार गुनगुनाया भी होगा. किसी को लेकर इस्तेमाल भी किया होगा. कव्वाली की मेन लाइन ‘चढ़ता सूरज..’ कई मायनों को बयां करती है, कई हालातों को सिर्फ एक पंक्ति में ही समझा भी देती है, इसलिए बात दिल पर लगती है.
अब इस लाइन का इस्तेमाल एक जगह और किया जा रहा है, भारतीय क्रिकेट के किंग विराट कोहली के लिए. पिछले तीन साल से भारतीय फैन्स का जो रूप देखा है, वो एक ढलते सूरज की कहानी है. जिसकी सुबह कब होगी, कैसे होगी इसका इंतज़ार लंबा होता जा रहा है और हर तरह की उम्मीद खत्म हो रही है. जो विराट कोहली रन मशीन थे, कुछ दिनों के अंतर में शतक जड़ देते थे वो अब एक बड़ी पारी के लिए तरस रहे हैं.
इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान में टेस्ट सीरीज़ का आखिरी मैच हुआ. पिछले साल जब विराट कोहली की अगुवाई में भारतीय टीम टेस्ट क्रिकेट में आग उगल रही थी, उसी दौरान भारत ने इंग्लैंड का दौरा किया. पांच मैच की टेस्ट सीरीज़ के चार मैच हुए, भारत ने 2-1 से बढ़त बना ली और इतिहास बिल्कुल करीब था.
कोरोना ने टीम इंडिया के विजय रथ पर लगाम लगाई और एक साल के लिए मैच टाल दिया गया. अब एजबेस्टन में ये टेस्ट हुआ तो उससे पहले विराट कोहली के फैन्स पूरे जोश में थे. क्योंकि विराट कोहली का जो रौद्र रूप साल 2018 के इंग्लैंड दौरे पर देखने को मिला था, हर किसी को उम्मीद थी कि वही यहां पर भी देखने को मिलेगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, एजबेस्टन टेस्ट की पहली पारी में 11 और दूसरी पारी में 20 रन बनाने वाले विराट कोहली ने सभी उम्मीदों पर पानी फेर दिया.
क्लिक करें: बिन शतक 954 दिन, 50 से कम की औसत? और कितना लंबा चलेगा विराट कोहली का बुरा दौर विराट कोहली का ये बुरा पैच काफी लंबा चल रहा है, तीन साल से कोई शतक नहीं आया है. लेकिन अब दिक्कत शतक की नहीं है, अब दिक्कत ये है कि कोई बड़ी पारी भी नहीं आ रही है. टीम की जरूरत या हालात के हिसाब से जो मज़बूत 50-60-70 रनों की पारी की जरूरत होती है, विराट कोहली के बल्ले से वो भी मुश्किल ही निकल रही है. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या विराट कोहली इस फॉर्म के साथ प्लेइंग-11 में जगह पाने के लायक हैं?
कब तक नाम के सहारे टीम में मिलेगी जगह? विराट कोहली ने आखिरी बार कोई इंटरनेशनल शतक साल 2019 में मारा था, उसके बाद कोरोना का काल आया. वो भी अब चला गया और इंटरनेशनल क्रिकेट पूरी तरह से नॉर्मल हो गया है, लेकिन विराट कोहली के बल्ले से कोई शतक नहीं निकला है. आखिर शतक से लेकर अभी तक विराट कोहली ने कुल 75 इंटरनेशनल पारियां खेली हैं.

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