US कोर्ट से आई Adani पर बड़ी खबर... इन मामलों की होगी एकसाथ सुनवाई, टूट गए ये शेयर!
AajTak
न्यूयॉर्क की एक कोर्ट ने उद्योगपति गौतम अडानी और अन्य के खिलाफ 265 मिलियन अमरीकी डालर की रिश्वतखोरी के आरोप में चल रहे तीन मामलों को एक साथ करने का आदेश दिया है.
न्यूयॉर्क की एक कोर्ट ने उद्योगपति गौतम अडानी और अन्य के खिलाफ 265 मिलियन अमरीकी डालर की रिश्वतखोरी के आरोप में चल रहे तीन मामलों को एक साथ करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने फैसला सुनाया कि इन मामलों की सुनवाई एक संयुक्त मुकदमे में एक साथ की जाएगी. यह फैसला तब आया जब कोर्ट ने पाया कि ये मामले एक जैसे आरोपों और लेन-देन से जुड़े हुए हैं.
तीनों मामले को देखें तो इसमें US बनाम अडानी और अन्य (अडानी के खिलाफ आपराधिक मामला), प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) बनाम अडानी और अन्य (अडानी के खिलाफ दीवानी मामला) और SEC बनाम कैबनेस (अन्य आरोपियों के खिलाफ दीवानी मामला) शामिल है. कोर्ट ने कहा कि यह फैसला न्यायिक दक्षता को बढ़ावा देने और परस्पर विरोधी अनुसूचियों से बचने के लिए लिया गया है. इन सभी केस को जिला जज निकोलस जी गरौफिस को दिया जाएगा, जो अडानी के खिलाफा आपराधिक मामले की देखरेख कर रहे हैं. वहीं कोर्ट के कर्मचारियों को मामले का फिर से आवंटन करने का निर्देश दिया गया है.
शेयरों पर क्या हुआ असर? इधर, अडानी एंटरप्राइजेज मामूली गिरावट के साथ 2590 रुपये पर था. अडानी ग्रीन एनर्जी 0.53 की तेजी के साथ 1053 रुपये पर था. अडानी पावर 1 प्रतिशत उछलकर 525 रुपये पर था. अडानी एनर्जी सॉल्यूशन के शेयर 2.27 फीसदी चढ़ा था. अडानी पोर्ट 0.73 फीसदी गिरा था. अडानी विल्मर में 1 फीसदी की गिरावट देखी गई. वहीं अडानी टोटल गैस के शेयर 1 फीसदी तक चढ़े थे.
क्या है पूरा मामला? अडानी और अन्य पर राज्य पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के साथ सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए 265 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 2,029 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने का आरोप है. इससे पहले, अमेरिकी अभियोजकों ने आरोप लगाया था कि यह तथ्य अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से छिपाया गया था, जिनसे अडानी समूह ने सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिए धन जुटाया था.
अडानी समूह ने आरोपों को "निराधार" बताते हुए खंडन किया है और कहा है कि हम एक कानून का पालन करने वाला संगठन हैं, जो सभी कानूनों का पूरी तरह से पालन करता है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि अभियोग आरोपों पर आधारित है, और दोषी साबित होने तक प्रतिवादियों को निर्दोष माना जाता है.
(नोट- किसी भी शेयर में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)