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UPSC Success Story: फेल हुई पर हारी नहीं, गुरुग्राम की सुमन यादव ने बताया फिर कैसे मिली सफलता
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UPSC CSE 2024 Suman Yadav Success Story: सुमन यादव ने गुरुग्राम से ही अपनी 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की है. इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीएससी की पढ़ाई की है. पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी.
UPSC CSE 2023 Success Story: गुरुग्राम में रहने वाली सुमन यादव ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा 2023 पास करके माता-पिता का मान बढ़ाया है. पिता बलवान सिंह यादव अपनी बेटी की इस कामयाबी से गदगद हैं. 25 साल की उम्र में सुमन यादव ने देश की प्रतिष्ठित और कठिन माने जाने वाली परीक्षाओं में से एक यूपीएससी सिविल सर्विसेज की परीक्षा में 170वीं रैंक हासिल करके परचम लहराया है.
पहली बार मिली निराशा, दूसरी बार में क्रैक किया UPSC CSEकोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती- कहावत को सुमन यादव चरित्रार्थ कर दिखाया है. गुरुग्राम के सराय आलावर्दी की रहने वाली सुमन यादव ने दूसरी बार में यह सफलता हासिल की है. उन्होंने बताया कि उनका यह दूसरा अटेंप्ट था, पहले अटेंप्ट में वह असफल रही थीं. उन्होंने कहा कि पहली बार सफलता नहीं मिलने के बाद हिम्मत नहीं हारी, बल्कि पूरे जोश के साथ तैयारी की. उन्होंने दूसरे अटेंप्ट में 170वा स्थान हासिल कर परिवार के साथ-साथ गांव का भी नाम रोशन किया है.
BSc की पढ़ाई के साथ की यूपीएससी की तैयारी सुमन यादव ने गुरुग्राम से ही अपनी 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की है. इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीएससी की पढ़ाई की है. पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी. वह पिछले तीन साल से इस परीक्षा की तैयारी कर रही थीं.
अखबार और इंटरनेट से की तैयारी सुमन की माने तो इस बार की परीक्षा के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की और खुद को बेहतर और बेहतर करने के प्रयास में जुटी रह. अखबार और इंटरनेट की मदद से यूपीएससी की तैयारी की. सुमन की कामयाबी पर उनके पिता ने कहा कि हर मां बाप चाहते हैं कि उनके बच्चे उनका नाम रोशन करें. सुमन की इस बेहतरीन सफलता ने उनका मान सम्मान और बढ़ाया है. रिजल्ट आने के बाद पूरे गांव में खुशी का माहौल है.
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हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास में शुक्ल पक्ष का 15वीं तिथि ही माघ पूर्णिमा कहलाती है. इस दिन का धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से खास महत्व है और भारत के अलग-अलग हिस्सों में इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है. लोग घरों में भी कथा-हवन-पूजन का आयोजन करते हैं और अगर व्यवस्था हो सकती है तो गंगा तट पर कथा-पूजन का अलग ही महत्व है.