UP: जिसके अपहरण के केस में तीन साल की सजा काट चुके चार लोग, 12 साल बाद वो घर पर मिला
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यूपी के भदोही में चौंकाने वाला मामले सामने आया. 12 साल पहले एक व्यक्ति का अपहरण होने की सूचना पर 4 लोगों पर मुकदमा लिखा गया था. चारों आरोपी करीब तीन साल तक जेल में रह चुके हैं और अभी भी जमानत पर हैं. अब 12 साल के बाद जिस व्यक्ति का अपहरण होना बताया जा रहा था वह अपने घर से मिला है.
उत्तर प्रदेश के भदोही में 12 वर्ष पहले एक अपहरण होता है. एक सप्ताह के अंदर अपहरण के बाद हत्या की साजिश के आरोप में चार आरोपी दबोचे जाते थे. कोर्ट में केस चलता है. चारों को तीन साल तक जेल में रहना पड़ता है और फिर अचानक पता चलता है कि जिसके अपहरण के लिए वो सजा काटकर आए हैं और आज भी जमानत पर रिहा हैं, वो तो अपने घर आया हुआ है. इस मामले में पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने अपहरण होने वाले व्यक्ति को उसके घर से पकड़ लिया. उससे पूछताछ की जा रही है. यहां का है मामला भदोही जनपद के गोपीगंज थाना क्षेत्र के चक निरंजन गांव के रहने वाले जोखन तिवारी के अपहरण होने की 2008 में परिजनों ने पुलिस को दी थी. इस मामले में गांव के ही चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई. पुलिस ने मामले में आईपीसी की धारा 364 जिसके मुताबिक हत्या की नीयत से अपहरण करने के साथ ही 504, 506 के तहत गोपीगंज थाना में मुकदमा दर्ज किया. एक सप्ताह के अंदर ही आरोपी दूधनाथ तिवारी, काशीनाथ तिवारी, वंशराज तिवारी और रामअवतार तिवारी को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद अपहरण के इस आरोप में चारों आरोपी दो बार में तीन साल दो महीने तक जेल में बंद रहे. अभी भी हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा चल रहे हैं.NCP के प्रवक्ता महेश चव्हाण ने हाल ही में EVM पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति EVM पर संदेह नहीं कर रहा है, तो वो राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने इस मुद्दे पर राजनीतिक विश्लेषक आशुतोष से चर्चा करते हुए EVM के हैक होने की संभावना को लेकर भी बातें कीं. आशुतोष ने इस संबंध में महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए. EVM की सुरक्षा और पारदर्शिता पर इस चर्चा से राजनीतिक गलियारों में नई हलचल देखने को मिल रही है.
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