UP चुनाव से पहले शुरू हुआ 'धर्म' युद्ध, हिंदू-मुस्लिम के फेर में उलझे नेता
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युद्ध है तो साम, दाम, दंड, भेद, सब है. धर्म का तड़का भी है. काशी का दमकता कोरिडोर भी है तो मां गंगा की भक्ति भी है. अयोध्या का राम मंदिर है तो आस्था की गलियां भी हैं. बीजेपी ने तो 32 साल पहले अपने एजेंडे में धर्म को लाया पर सियासत में धर्म की चाशनी सालों से लगती रही है. बीजेपी हिंदू भावनाओं को कुरेद रही है तो कांग्रेस हिंदू बनाम हिंदुत्वादी का दांव चल रही है. धर्म की सियासी छौंक में हिंदू-मुसलमान का खेल भी है. जिन्ना और गन्ना भी है. हर दल अपने हितों को साध कर धर्म के खांचे तय कर लिए हैं. यूपी के धर्म युद्ध में अब लड़कियों की शादी की उम्र भी आ गई. मुरादाबाद से सपा सांसद शफीकुर रहमान बर्क ने लड़कियों की उम्र को लेकर विवादित बयान दिया तो मुसलमानों के रहनुमा बने ओवैसी ने साथ देने में देर नहीं लगाई. देखें ये खास रिपोर्ट.
NCP के प्रवक्ता महेश चव्हाण ने हाल ही में EVM पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति EVM पर संदेह नहीं कर रहा है, तो वो राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने इस मुद्दे पर राजनीतिक विश्लेषक आशुतोष से चर्चा करते हुए EVM के हैक होने की संभावना को लेकर भी बातें कीं. आशुतोष ने इस संबंध में महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए. EVM की सुरक्षा और पारदर्शिता पर इस चर्चा से राजनीतिक गलियारों में नई हलचल देखने को मिल रही है.
हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता ने अजमेर में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को हिंदू पूजा स्थल होने की याचिका कोर्ट में दायर की थी. याचिका पर बुधवार को अजमेर पश्चिम सिविल जज सीनियर डिविजन मनमोहन चंदेल की कोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान वादी विष्णु गुप्ता के वाद पर न्यायाधीश मनमोहन चंदेल ने संज्ञान लेते हुए दरगाह कमेटी ,अल्पसंख्यक मामलात व एएसआई को समन नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.
कुछ तो मजबूरियां रही होंगी , वरना एकनाथ शिंदे यूं ही नहीं छोड़ने वाले थे महाराष्ट्र के सीएम की कुर्सी का मोह. जिस तरह एकनाथ शिंदे ने सीएम पद के लिए अचानक आज सरेंडर किया वह यू्ं ही नहीं है. उसके पीछे उनकी 3 राजनीतिक मजबूरियां तो स्पष्ट दिखाई देती हैं. यह अच्छा है कि समय रहते ही उन्होंने अपना भविष्य देख लिया.
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