ToolKit Case पर बोली कांग्रेस- कोरोना के नए 'स्ट्रेन' का केंद्र सरकार ने किया जिक्र, क्या वो भी देशद्रोही?
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कांग्रेस ने कहा कि संबित पात्रा को कुछ बुनियादी रिसर्च करना चाहिए. खुद भारत सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में 'इंडियन म्यूटेन स्ट्रेन' का उल्लेख किया गया है, तो क्या क्या भारत सरकार भी देशद्रोही है?
टूलकिट मामले को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सियासी घमासान जारी है. शनिवार को कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा पर तीखा हमला बोला. कांग्रेस ने कहा कि संबित पात्रा को कुछ बुनियादी रिसर्च करना चाहिए. खुद भारत सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में 'इंडियन म्यूटेन स्ट्रेन' का उल्लेख किया गया है, तो क्या क्या भारत सरकार भी देशद्रोही है? कांग्रेस ने आगे कहा कि पाकिस्तान के साथ जुनून अजीब है, यह संकट की स्थिति है. वहां की खबर दिखाना मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश है. दरअसल, पाकिस्तान में खबर दिखाई गई कि वहां कोरोना वायरस का बेहद संक्रामक स्ट्रेन बी.1.617 का पहला मामला मिला है. दावा किया गया कि वायरस के इस स्ट्रेन की पहचान सबसे पहले भारत में हुई थी. ऐसे में इसी मुद्दे पर बीजेपी-कांग्रेस में जुबानी जंग शुरू हो गई.महाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.