
Surya Grahan 2025: कल सूर्य ग्रहण और शनि गोचर एकसाथ, जानें क्या भारत में लगेगा सूतक काल
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Surya Grahan 2025: शनिश्चरी अमावस्या पर लग रहा सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार, दोपहर 2 बजकर 21 मिनट पर प्रारंभ होगा और शाम 6 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगा. इस ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 53 मिनट की रहने वाली है.
Surya Grahan 2025: साल का पहला सूर्य ग्रहण शनिवार, 29 मार्च को लगने वाला है. ज्योतिषविदों की नजरिए से इस सूर्य ग्रहण को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. दरअसल इस दिन सूर्य ग्रहण के अलावा ग्रहों के कई दुर्लभ और अद्भुत संयोग भी बनने वाले हैं. आइए जानते हैं कि सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार कितने बजे लगेगा और इस दिन ग्रहों की स्थिति कितनी खास रहने वाली है.
ज्योतिष गणना के अनुसार, 29 मार्च का सूर्य ग्रहण शनिश्चरी अमावस्या के दिन लग रहा है. सूर्य ग्रहण मीन राशि और उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में घटित होगा. इस दिन शनि देव भी मीन राशि में गोचर करने वाले हैं. इसके अलावा, इस दिन षष्टग्रही योग भी रहने वाला है.
षष्टग्रही योग 29 मार्च को शनि देव बृहस्पति के स्वामित्व वाली मीन राशि में गोचर कर जाएंगे. इसके बाद इस राशि में शनि, राहु, सूर्य, बुध, शुक्र और चंद्र की युति बन जाएगी. यानी छह ग्रह एक ही राशि में मौजूद रहेंगे. इसके अलावा, कई अन्य योगों का निर्माण भी होने वाला है. इस दिन पिशाच योग, विष योग के साथ-साथ बुधादित्य, शुक्रादित्य और लक्ष्मी नारायण राजयोग भी रहने वाले हैं. ज्योतिषविदों का कहना है कि सूर्य ग्रहण पर ग्रहों का ऐसा दुर्लभ संयोग करीब 57 साल बाद बना है.
सूर्य ग्रहण कितने बजे लगेगा? (Surya Grahan 2025 Timing) शनिश्चरी अमावस्या पर लग रहा सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार, दोपहर 2 बजकर 21 मिनट पर प्रारंभ होगा और शाम 6 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगा. इस ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 53 मिनट की रहने वाली है.
सूर्य ग्रहण भारत में नजर आएगा? (Surya Grahan 2025 Visible In India) 29 मार्च को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा. सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका, आंशिक उत्तरी अमेरिका, उत्तरी एशिया, उत्तर-पश्चिम अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी ध्रुव, आर्कटिक महासागर और अटलांटिक महासागर में दिखाई देने वाला है. इसलिए ग्रहण का प्रभाव इन्हीं जगहों पर ज्यादा दिखाई देगा.
क्या भारत में सूतक काल मान्य होगा? (Surya Grahan 2025 Sutak kaal timing) सामान्यतः भारत में सूर्य ग्रहण दिखने पर 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है. इस काल में बहुत सारी सावधानियों का पालन भी करना पड़ता है. इसमें न तो पूजा-पाठ होती है और न ही भगवान की प्रतिमा का स्पर्श किया जाता है. हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं है. इसलिए यहां इसका सूतक काल भी मान्य नहीं है.

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