Stock Market: पहले भंयकर गिरावट... अब शानदार रिकवरी, शेयर बाजार में आगे क्या होने वाला है?
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शेयर बाजार में रिकवरी के बाद अब निवेशकों में मतभेद हो चुका है कि अब आगे मार्केट की चाल कैसी होगी? क्या शेयर बाजार में गिरावट आएगा या उछाल पर रहेगा?
4 जून को चुनाव नतीजे NDA के मुताबिक नहीं आने के कारण शेयर बाजार (Stock Market) में सुनामी आ गई और सेंसेक्स-निफ्टी भरभरा कर गिर गए. सेंसेक्स 6000 अंक से ज्यादा तो निफ्टी 1900 अंक से ज्यादा टूट गया था. हालांकि पिछले दो दिनों के दौरान शेयर बाजार में शानदार रिकवरी हुई है. Sensex करीब 3000 अंक चढ़ चुका है, जबकि निफ्टी ने 1000 अंक चढ़ा है.
शेयर बाजार में रिकवरी के बाद अब निवेशकों में मतभेद हो चुका है कि अब आगे मार्केट की चाल कैसी होगी? क्या शेयर बाजार में गिरावट आएगा या उछाल पर रहेगा? यहां कुछ फैक्ट को देखें तो पता चलता है कि चुनाव के बाद शेयर बाजार की चाल कैसी रही है? आइए जानते हैं.
चुनाव के बाद कैसा रहा है मार्केट का प्रदर्शन अगर हम पिछले चार आम चुनावों को देखें तो सेंसेक्स और अन्य इंडेक्स काफी स्थिर रहे हैं और नतीजों के 5 दिन और 1 महीने बाद बढ़ा है. भले ही नतीजों के दिन प्रदर्शन कुछ भी रहा हो. 2004 में चुनाव नतीजों के बाद 5 दिनों में Sensex में 16 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई थी, जबकि एक महीने में बेंचमार्क ने करीब 7 फीसदी का रिटर्न दिया.
साल 2009 में दिया था निगेटिव रिटर्न वहीं 2014 और 2019 में चुनाव नतीजों के पांच दिनों बाद Sensex में 2.2% और 2.5% की बढ़ोतरी हुई. सिर्फ एक बार 2009 में सेंसेक्स ने नतीजों के बाद पांच दिनों में 1.98% का निगेटिव रिटर्न दिया और चुनाव नतीजों के एक महीने बाद करीब 0.13% की गिरावट दर्ज की थी.
कब आएगी बाजार में स्थिरता? जेएम फाइनेंशियल के पिछले पांच जनरल इलेक्शन के आंकलन से पता चलता है कि रिजल्ट (Lok Sabha Election Results) के 3 महीने बाद कुल मिलाकर बाजार का रिटर्न पॉजिटिव रहा है. हालांकि क्षेत्रीय आधार पर सकारात्मक रिटर्न ज्यादातर सेक्टरों में नतीजों के 6 महीने बाद देखा गया. आंकड़ों से पता चलता है कि रिजल्ट के बाद स्मालकैप, मिडकैप और लार्जकैप में शानदार ग्रोथ रही है. ब्रोकरेज का मानना है कि एक सप्ताह के बाद मार्केट में स्थिरता वापस आएगी.
इन चीजों पर निर्भर होगी मार्केट की चाल 7 जून को RBI की नीति बैठक, चुनाव के बाद कैबिनेट गठन, पहले 100 दिनों का एजेंडा और प्रमुख नीति घोषणाएं और जुलाई में वित्त वर्ष 25 का बजट आने वाला है, जो मार्केट को प्रभावित करेंगे. जेएम फाइनेंशियल ने कहा कि हमारा मानना है कि किसी भी गिरावट में खरीदारी करनी चाहिए. ब्रोकरेज का मानना है कि मार्केट के बेहतर होने की उम्मीद है.
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